अदानी पर कोर्ट में केस लड़ेगी सरकार

By: Jul 5th, 2019 12:15 am

कैबिनेट ने जंगी-थोपन प्रोजेक्ट की 280 करोड़ अपफ्रंट मनी लौटाने से किया है मना

शिमला – जंगी-थोपन बिजली परियोजना निर्माण से हाथ पीछे खींच चुकी अदानी कंपनी को जयराम सरकार 280 करोड़ नहीं लौटागी। यह उस वक्त का मामला है, जब परियोजना निर्माण के लिए प्रदेश सरकार को कंपनी ने 280 करोड़ की अपफ्रंट मनी दी थी। कैबिनेट ने इस क्लेम को रिजेक्ट कर अदानी को करोड़ों की अपफ्रंट मनी न देने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार कोर्ट में केस लड़ेगी। बताया जा रहा है कि अदानी कंपनी ने अपफ्रंट मनी की वसूली के लिए प्रदेश सरकार के खिलाफ कोर्ट में गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मसले पर हल तलाशने को कहा था। उसके बाद ही एजेंडा कैबिनेट में लगा, जिसे यह कह कर रिजेक्ट कर दिया कि कोर्ट में केस लड़ो। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का टेंडर किया था और यह काम ब्रेकल को आबंटित किया था। ब्रेकल ने अदानी से लेकर अपफ्रंट मनी की 280 करोड़ की राशि सरकार को दी थी। मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। न्यायालय ने राज्य सरकार को इस प्रोजेक्ट को अपने स्तर पर फैसला लेने के निर्देश दिए। सरकार ने 2009 में प्रोजेक्ट आबंटन को रद्द कर दिया था। वर्तमान सरकार ने रिलायंस को प्रोजेक्ट सौंप दिया, लेकिन काम शुरू करने से इनकार कर दिया। यही वजह है कि परियोजना शुरू करने के लिए रिलायंस के पीछे हटने के बाद सरकार को नया फैसला करना पड़ा। बाद में अदानी ने अपफ्रंट प्रीमियम की वसूली के लिए प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

960 से 600 मेगावाट रह गई है प्रोजेक्ट की क्षमता

किन्नौर में जंगी-थोपन परियोजना के लिए अब नए सिरे से तैयारी की जाएगी। सरकार ने रियोजना की क्षमता को 360 मेगावाट कम करने का निर्णय लिया है। यानी नए सिरे से तैयार होने वाले प्रोजेक्ट की क्षमता 960 के बजाय 600 मेगावाट होगी।  नई ऊर्जा नीति के तहत सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं से कुल पानी का 15 फीसदी पानी छोड़ा जाना है। जिस कारण परियोजना की क्षमता में कम हो जाएगी। बता दें कि परियोजना पिछले 13 वर्षों से लटकी है।


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