आयुर्वेदिक पद्धति से निरोग रखी जाएंगी तीन पंचायतें
नाहन—प्रदेश के जिला सिरमौर में आयुष ग्राम योजना के तहत तीन क्लस्टर मंे आयुष ग्राम योजना के प्रोजेक्ट को पायलट योजना के तहत क्रियान्वित करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। जिला सिरमौर को आयुर्वेदिक पद्धति से निरोग रखने के लिए आयुष ग्राम योजना के माध्यम से जिला के तीन क्लस्टर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना अमल मंे लाई जाएगी। जिस पर आयुर्वेदिक विभाग नोडल एजेंसी के तौर पर अन्य विभागों के साथ मिलकर आयुष ग्राम योजना पर एक वर्ष के लिए जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा के तीन पंचायतों को गोद लेकर कार्य करेगा, जिसके खाके को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं आयुष ग्राम योजना के सफलता के बाद इसे अन्य जिलों और पंचायतों में लागू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र के बनकला, कोलर और सतीवाला में आयुष ग्राम योजना के तहत आयुर्वेदिक विभाग, बागबानी, कृषि, एनजीओ प्रशासन के साथ मिलकर जागरूकता के साथ आयुर्वेदिक तौर पर ग्रामवासियों को फिट रखने के लिए काम करेंगे। आयुष ग्राम योजना के तहत इन पंचायतों में लोगों को ऋतु के अनुसार खानपान और क्या खाना ऋतु अनुसार निषेध है के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। वहीं आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार जीवनशैली को अपनाने के साथ लोगों को इन पंचायतों में औषधीय पौधों की जानकारी के साथ खेतों में औषधीय पौधों को उगाए जाएंगे। इस दौरान गांव को नशामुक्त कर प्राकृतिक जीवन जीने के लिए कार्य किया जाएगा, ताकि गांव स्तर पर भी बढ़ते रहे बीपी, मानसिक तनाव, यूरिक एसिड जैसी बीमारियों को दूर किया जा सके। योजना के तहत ग्रामीणों का आयुर्वेदिक हेल्थ कार्ड बनेगा तथा शिविरों को आयोजित कर विभिन्न जानकारियों और समाधान से लोगों को अवगत करवाया जाएगा। योग, आयुर्वेदिक औषधियों से ही लोगों का पंचायत में इलाज किया जाएगा। यही नहीं गर्भवती महिलाओं को गर्भ के दौरान दिनचर्या और गृभनीचर्या पर जानकारी दी जाएगी। कुल मिलाकर आयुर्वेदिक गांव के रूप में जिला सिरमौर की तीन पंचायतें पायलट प्रोजेक्ट के तहत निरोग रखी जाएगी। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. कविता शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि आयुष ग्राम योजना के तहत जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र के तीन पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर चिन्हित कर कार्य योजना तैयार की जा रही है। आयुर्वेदिक तौर पर लोग स्वस्थ रहे तथा औषधीश पौधों की खेती से आय भी प्राप्त कर सके के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं एक वर्ष के बाद किए गए कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा।
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