ऑनलाइन सिस्टम ने बदल दिए नंबर

By: Jul 28th, 2019 12:20 am

शिमला —प्रदेश विश्वविद्यालय में शुरू किया गया ऑनलाइन सिस्टम अब छात्रों के लिए बड़ी पेरशानी बन गया है। हैरत है कि एचपीयू के ऑनलाइन सिस्टम की खामियों ने छात्रों के एंट्रेंस में आए मार्क्स में ही बदलाव कर दिया। यानी एचपीयू का कम्प्यूटर सैल विभागों के साथ सही तालमेल नहीं बैठा पा रहा। या यूं कहें कि एचपीयू के विभाग ही सही तरीके से छात्रों की प्रवेश परीक्षाओं का रिजल्ट आईटी सैल को मुहैया नहीं करवा पा रहे। दरअसल एचपीयू में शनिवार को ऐसे दो केस सामने आए, जहां विभाग की लिस्ट में छात्र को अच्छे मार्क्स दिए गए हैं, वहीं होस्टल की लिस्ट में वही मार्क्स बहुत कम चढ़ाए गए हैं। ऐसे में होस्टल की चाहत को लेकर एचपीयू पहुंच रहे छात्रों को निराशा हाथ लग रही है। बता दें कि केमिस्ट्री में दाखिला लेने वाली विभूती ठाकुर को जहां विभाग से एंट्रेंस टेस्ट में 42 मार्क्स दिए गए हैं, वहीं होस्टल की लिस्ट में 31 नंबर हैं। ऐसा ही उदाहरण फिजिक्स विभाग में भी सामने आया है, यहां पूनम को जहां एंट्रेंस में 54 मार्क्स दिए हैं, वहीं होस्टल की लिस्ट में 42 दर्शाए गए हैं। ऐसे में इन दोनों छात्राओं को होस्टल मिलने में कई दिक्कतें पेश आ रही हैं। एचपीयू के ऑनलाइन सिस्टम से आई यह खामी जानने के लिए जब दोनों छात्राएं एचपीयू पहुंची, तो उनकी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया। बता दें कि ये सिर्फ दो उदाहरण हैं, जो सार्वजनिक हुए हैं, इस तरह के कई ऐसे छात्र हैं, जिनके एंट्रेंस मार्क्स में बार-बार फेरबदल हो रहा है। फिलहाल एचपीयू का यह ऑनलाइन सिस्टम छात्रों को असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है। सैकड़ों छात्र एचपीयू के चक्कर इन दिनों काट रहे हैं। उधर, एकदम ऑनलाइन सिस्टम होने की वजह से प्रशासन में भी अफरा-तफरी जैसा महौल है। सभी विभाग ऑनलाइन छात्रों के रिजल्ट सही चढ़ाने के लिए बार -बार चैकआउट भी कर रहे हैं, लेकिन गड़बड़ कहां हो रही है, यह समझ से परे है। यही वजह है कि शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने ऑनलाइन होस्टल फॉर्म भरने में आ रही दिक्कतों को प्रमुखता से प्रशासन के समक्ष उठाया। इन दिनों विश्वविद्यालय में काउंसिलिंग और होस्टल प्रवेश, फीस जमा के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि एचपीयू एक तरफ तो डिजिटलाइजेशन होने के दावे करती है, वहीं दूसरी तरफ एचपीयू में किए जा रहे ऑनलाइन कार्य ठीक से नहीं हो पा रहे हैं, जिसके चलते छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का आरोप है कि एचपीयू को सारा ऑनलाइन सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। ऑनलाइन सिस्टम से प्रभावित हुए छात्र कहते है कि बीते दिनों से जर्जर हो चुका ऑनलाइन ढांचा विवि की छवि को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। एक तो होस्टल अप्लाई करने के लिए पोर्टल देरी से एक्टिव हुआ, दूसरी ओर फीस जमा करने के चालान की तरह गलतियों से भरपूर है। छात्र विश्वविद्यालय के ऑनलाइन सिस्टम से इतने आहत हो चुके हैं कि उन्हें खुद विश्वविद्यालय आकर अपने चालान जेनरेट करने पड़ रहे हैं।

एसएफआई की दोटूक

एसएफआई ने भी यह मुद्दा कम्प्यूटर शाखा में जाकर उठाया। साथ ही इस मामले पर जब डीएस अरविंद कालिया से मिलने की कोशिश की, तो वह अपने कार्यालय और विभाग से नदारद थे। आरोप है कि डीएस से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने छात्रों के कॉल उठाने की जहमत नहीं की। एसएफआई ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की, तो उग्र आंदोलन होगा।


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