गीता रहस्य

By: Jul 27th, 2019 12:05 am

स्वामी रामस्वरूप

वेद का अर्थ ही ज्ञान है। ज्ञान-विज्ञान, कर्म का ज्ञान और उपासना का ज्ञान, यह तीनों विद्याएं चारों वेदों में कही गई हैं। वेद में ही परमेश्वर ने अपने स्वरूप का ज्ञान दिया है। अतः जब तक ज्ञान-विज्ञान, कर्म एवं उपासना का ज्ञान हम विद्वान आचार्य से वेद सुनकर नहीं प्राप्त करते तब तक तो कोई भी उपासना व्यर्थ ही कही जाएगी…

गतांक से आगे…

‘विश्वतस्पात’ सर्वत्र गति/ व्यप्ति वाला/ एक ः एक था, एक है, एक ही रहेगा, उससे भिन्न दूसरा न था, न है, न होगा और उसे किसी की सहायता की आवश्यकता नहीं। (देवः) अर्थात सब जगत को सब कुछ देने वाला, स्वयं प्रकाशक/परमेश्वर के अनंत गुण हैं, यहां कुछ ही गुणों का वर्णन है और विशेषकर श्लोक 9/15 में केवल एक ही गुण ‘ विश्वतः मुखमु’ का ही वर्णन है। श्रीकृष्ण महाराज कह रहे हैं कि उस ‘विश्वतोमुखम’ अर्थात सर्वव्यापक होकर सब जगत को सब ओर से देखने वाले परमेश्वर की साधक ‘ज्ञानयज्ञेन’ ज्ञान यज्ञ के द्वारा पूजा करते हैं। वेदों में अष्टांग योग की महान शिक्षा दी गई है। अतः जो साधक यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्यहार, धारणा, ध्यान, समाधि तक पहुंचते हैं तब योग शास्त्र के समाधि पाद में वर्णन है कि वह स्वयं को ‘ब्रह्मइव’ अर्थात ब्रह्म जैसा अनुभव करते हैं। इसका भाव है कि स्वयं को ‘एकत्व’ में लीन करके परमेश्वर की उपासना करते हैं। अर्थववेद मंत्र 4/11/7 में इसका प्रमाण है कि जिसमें कहा‘रूपेण इंद्रः’ अर्थात वह योगी ईश्वर के जैसा हो जाता है परंतु ईश्वर नहीं होता, क्योंकि ईश्वर विकार रहित है और एक था, एक है और सदा एक ही रहेगा। ईश्वर की उपासना ज्ञानयज्ञ बिना असंभव है। ‘विद जाने’ से संपन्न शब्द वेद है। वेद का अर्थ ही ज्ञान है। ज्ञान-विज्ञान, कर्म का ज्ञान और उपासना का ज्ञान, यह तीनों विद्याएं चारों वेदों में कही गई हैं। वेद में ही परमेश्वर ने अपने स्वरूप का ज्ञान दिया है। अतः जब तक ज्ञान-विज्ञान, कर्म एवं उपासना का ज्ञान हम विद्वान आचार्य से वेद सुनकर नहीं प्राप्त करते तब तक तो कोई भी उपासना व्यर्थ ही कही जाएगी।

अतः श्लोक 9/15 में श्रीकृष्ण महारज कह रहे हैं कि ज्ञानयोग के द्वारा जब मुझ एक परमेश्वर के निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सबकी जानने वाला, अद्वितीय, सृष्टि रचयिता, पालनकर्ता, संहारकर्ता तथा यज्ञ द्वारा पूजनीय इत्यादि गुणों को जीव नहीं जानता तब तक वह किसकी उपासना करेगा अर्थात तब वह ईश्वर की उपासना नहीं कर सकेगा।   


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App