जवानों की प्रोमोशन के जश्न को निगल गया काल

By: Jul 16th, 2019 12:04 am

सोलन —अपनी प्रोमोशन की खुशियां मनाने आए सेना के जेसीओ का अगला पल दुखद हादसे में बदल जाएगा। इसका सेना के किसी जवान ने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा। जवानों के पहुंचने के बाद चंद मिनटों में यह बिल्डिंग गिरने से सारी खुशियां मातम में बदल गई। इस पार्टी के शोर की जगह हिमाचल शांत वादियों में केवल सायरनों की आवाजें गूंजने लगी। हर कोई इस हादसे को देख देश के जवानों सहित अन्य लोगों के कुशल रहने की प्रार्थना करता दिखाई दिया। लेकिन इस हादसे का जिम्मेदार कौन है इस बारे सोचा भी नहीं जा सकता है। बताया जा रहा है सेना के जवान रविवार को अपनी प्रोमोशन पार्टी के लिए निकले थे। उनके साथ परिवार का कोई भी सदस्य साथ नहीं था। असम राइफल के 30 सेना के जवान बस के माध्यम से नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाई-वे पर निकले और कुमारहट्टी से लगभग आधा किलोमीटर दूर रुंदन घोरों गांव में बने सहज तंदूरी ढाबा पर रुके। इस दौरान करीब चार से पांच लोग ढाबे के बाहर और बाकी सभी जवान ढाबे के अंदर बैठे थे, जिसमे से एक ड्राइवर भी था। जैसे ही उन्होंने यह पार्टी शुरू ही कि थी कि यह इमारत एक दम भूकंप के झटके की तरह कांपी और ध्वस्त हो गई अंदर फंसे लोग बाहर निकलने में असमर्थ हो गए और मलबे की चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने बाहर फंसे लोगों को निकल अस्पताल पहुंचाया और इसके बाद प्रशासन व सेना सहित एनडीआरएफ के जवानों ने मौका संभाल लिया। रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लगभग 24 घंटे बाद 30 सेना के  जवानों सहित 12 सिविलियन को निकाल लिया गया लेकिन दर्दनाक हादसे में 13 सेना के जवान सहित एक सिविलियन महिला की मौत हो गई।

रातभर चलता रहा बचाव कार्य स्थानीय लोगों ने की मदद

चार मंजिला इमारत के गिरने के पश्चात रातभर बचाव कार्य चलता रहा। आसपास के लोग भी राहत-बचाव कार्य के लिए रातभर जागते रहे। लोग किस तरह से आगे जा कर इस राहत कार्य में एनडीआरएफ व टीम का साथ दें, वे इस बारे सोचते रहे।

चंद पल पहले खेलने चले गए थे भवन संचालक के बच्चे

जाको राखे सईयां मार सके न कोई यह कहावत भवन मालिक के बच्चों पर सटीक बैठती है। भवन मालिक के बच्चे अपने घर से कुछ मिनट पहले खेल के बहाने बाहर निकले थे, उसके पश्चात बिल्डिंग ध्वस्त हो गई। रात तक बच्चे यह बोलते रहे कि मां अभी कार्य में जुटी है। बताया जा रहा है कि भवन मालिक के बच्चे 6 व 8 वर्ष के है उन्हें अभी इन सब चीजों की सोच तक नहीं है, लेकिन उनके ऊपर से मां का साया उठ गया है।

दस दिन बाद यहीं शिफ्ट होना था एक और परिवार

जानकारी के अनुसार इस बिल्डिंग की तीसरी मंजिल किसी अन्य व्यक्ति ने खरीद ली थी। इस मंजिल को चकाचक भी कर लिया गया था और अंतिम तैयारियां चल रही थी। बताया जा रहा है कि जिन्होंने यह फ्लोर खरीदा था वह अगले 10 दिन के भीतर यहां शिफ्ट होने जा रहे थे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App