‘टिकटॉक’ पर सरकार सख्त, 22 जुलाई तक जवाब नहीं दिया तो हो सकता है बैन

By: Jul 18th, 2019 5:23 pm

सांकेतिक तस्वीरमोबाइल पर ‘टिक टॉक’ ऐप के जरिए आपके किसी दोस्त की ओर से शेयर किए गए वीडियो से आपके चेहरे पर कभी मुस्कान आई होगी. हो सकता है कि आपने भी उसे अपने फ्रेंड सर्किल में शेयर किया हो. लेकिन ठहरिए, इस ऐप का हंसने-हंसाने के लिए ही इस्तेमाल नहीं हो रहा. चीन से संचालित इन ऐप के जरिए ‘भारत विरोधी कंटेंट’ और अश्लील वीडियो क्लिप्स शेयर किए जाने के खतरे को लेकर भारत सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है.

सरकार ने 24 सवालों पर मांगा जवाब

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साइबर लॉ और ई-सिक्योरिटी विंग (MeitY) ने ‘टिक टॉक’ और ‘हेलो’ ऐप प्लेटफॉर्मों के ऑपरेटर्स को बुधवार को सख्त नोटिस भेज कर 22 जुलाई तक जवाब मांगा है. इन दोनों ऐप को चीन स्थित कंपनी ‘बाइटडांस’ की ओर से संचालित किया जाता है.

मंत्रालय ने ‘टिक टॉक’ और ‘हेलो’ को भेजे नोटिस के साथ 24 सवालों की फेहरिस्त भेजी है. दोनों ऐप के ऑपरेटर्स से उन आशंकाओं पर विस्तार से जवाब देने के लिए कहा है जिनके मुताबिक इन ऐप के जरिए ‘भारत विरोधी कंटेट’ और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि अगर टिकटॉक और हेलो के ऑपरेटर्स की ओर से 22 जुलाई तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो इन दोनो ऐप पर बैन लगाया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक दोनों ऐप से पूछा गया है कि–

– आपत्तिजनक कंटेंट पर कैसे नजर रखी जाती है? और अगर ऐसा कोई कंटेंट मिलता है तो उसे कैसे हटाया जाता है.

– अंडरऐज यूजर्स को लेकर क्या प्रावधान हैं?

– कैसे यूजर्स का डेटा इकट्ठा किया जाता है और उसे कहां शेयर किया जाता है?

– क्या भारतीय यूजर्स के डेटा को चीन में भी स्टोर किया जा रहा है?

– कैसे आश्वस्त करेंगे कि भारतीय यूजर्स का डेटा किसी विदेशी सरकार, किसी तीसरे पक्ष या निजी संस्था को भविष्य में नहीं बेचा जाएगा?

स्वदेशी जागरण मंच ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी

मंत्रालय ने ये सख्त कदम कुछ एजेंसियों की तरफ से लिखित शिकायत के बाद उठाया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ समेत सभी चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

महाजन ने चिट्ठी में लिखा है, ‘हाल के हफ्तों में टिक टॉक राष्ट्रविरोधी कंटेंट के लिए हब बन चुका है जिसे ऐप पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है जो हमारे समाज के ताने-बाने को बिगाड़ सकता है. ये भी गौर करने लायक है कि ‘हेलो’ ने अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 11,000 मॉर्फ्ड राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 7 करोड़ रुपए खर्च किए.’

महाजन ने शिकायत की कि इनमें से कुछ विज्ञापनों में वरिष्ठ भारतीय राजनेताओं की मॉर्फ्ड तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया. दिलचस्प है कि कुछ बीजेपी नेताओं ने भी हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान ऐप्स के कंटेंट को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी.

महाजन की चिट्टी ‘टिक टॉक’ पर उस वीडियो के शेयर किए जाने के बाद आई, जिसमें तीन यूजर्स लिंचिंग की घटनाओं की वजह से मुस्लिम युवकों के आतंकवाद की ओर मुड़ने जैसी बात कर रहे थे. हालांकि ‘टिक टॉक’ ने इन तीनों यूजर्स को सस्पेंड कर दिया और वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा लिया.

‘टिक टॉक’ के दुनिया में 80 करोड़ यूजर्स

‘टिक टॉक’ के दुनिया भर में 80 करोड़ यूजर्स हैं. भारत में भी इनकी अच्छी खासी तादाद है. इस ऐप में लोगों को कुछ ही सेकेंड लंबे वीडियो शेयर करने की अनुमति दी जाती है. ये ऐप हाल ही में तेजी से लोकप्रिय हुआ है. लेकिन साथ ही इसकी पेरेंट कंपनी बाइटडांस के लिए यूजेज गाइड को फाइन ट्यून करना और ऐप के गलत इस्तेमाल को रोकना भी चुनौती बन गया है. यूजर्स ‘टिक टॉक’ का इस्तेमाल तमाम तरह के वीडियो अपलोड करने और शेयरिंग में कर रहे हैं. इनमें चुटकुलों से लेकर गंभीर राजनीतिक और सामाजिक कमेंट्री जैसा कंटेंट भी होता है.

सरकार से पूरा सहयोग करेंगे: टिक टॉक

टिक टॉक ने एक बयान में कहा है, ‘हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और टिक टॉक समुदाय तक इन्हें गंभीरता से ले जाते हैं. हम अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए सरकार से पूरा सहयोग करेंगे.’ टिक टॉक ने ये भी कहा है वो भारत के लिए प्रतिबद्ध है और वो यहां एक अरब डॉलर का निवेश कर रही है.

कोर्ट के आदेश पर टिकटॉक पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

ये पहली बार नहीं है कि टिक टॉक को लेकर भारत में सवाल उठे हैं. इसी वर्ष अप्रैल में मद्रास हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर एंड्रॉयड और आईफोन ऐप स्टोर से हटा दिया गया था. इसे तभी बहाल किया गया टिकटॉक ने विस्तार से बताया कि वो ऐप पर आपत्तिजनक कंटेंट से जुड़ी चिंताओं को दूर करने  के लिए क्या-क्या कर रहा है.


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