बंद होंगे कम छात्रों वाले सरकारी स्कूल

By: Jul 3rd, 2019 12:01 am

सरकार के शिक्षा विभाग को निर्देश, शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में किया जाएगा एडजस्ट

शिमला – हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों पर एक बार फिर से छात्रों की कम संख्या होने के चलते ताला लगेगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग को एक बार फिर ऐसे सरकारी स्कूलों की पहचान करनी होगी, जहां पर दस से कम छात्र पढ़ाई कर रहे है। राज्य सरकार की ओर से यह आदेश जारी किए जा चुके हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि  राज्य में कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा, वहीं जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या भी ज्यादा होगी, उन्हें दूसरे स्कूलों में एडजस्ट किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को इस बारे में आदेश जारी कर कहा गया है कि हर जिले व ब्लॉक में ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट बनाई जाएं, जहां पर इक्का-दुक्का छात्र ही बचे हैं। हैरत तो यह है कि सरकार ने पिछले साल भी इस बारे में आदेश जारी किए थे, लेकिन पिछले साल भी विरोध के कारण कई स्कूल बंद नहीं हो पाए थे। हालांकि अंदेशा जताया जा रहा है कि हिमाचल में प्री-नर्सरी की कक्षाएं शुरू होने के बाद कम ही स्कूल ऐसे बचे होंगे, जहां पर छात्रों की संख्या बहुत ही कम होगी। जानकारी के अनुसार जिन स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं, वहां पर छात्रों की इनरोलमेंट में काफी गिरावट आई है। यही वजह है कि सरकार अब ऐसे स्कूलों को चलाना ही नहीं चाहती है, जहां पर एक व दो छात्रों के लिए लाखों रुपए का खर्च करने पड़ रहे हैं। सरकार का तर्क है कि ऐसे स्कूलों से शिक्षकोंं व छात्रों को दूसरे स्कूल में भेजकर पूरी सहायता दी जाएगी। वहीं, अगर कहीं सरकारी की जगह निजी स्कूल होगा तो वहां पर फ्री में इन छात्रों की पढ़ाई करवाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हर साल सरकारी स्कूलों से एक हजार छात्र मुंह मोड़ते हैं। सरकारी स्कूलों से छात्रों की घटती संख्या को लेकर ही यह फैसला सरकार ने लिया है। सरकारी स्कूलों को छोड़ने का कारण अभिभावकों ने शिक्षकों की कमी बताई थी। यही वजह है कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को यह भी आदेश दिए हैं कि एक स्कूल में दो शिक्षकों का होना जरूरी है। सरकार के आदेशों के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने भी इस बारे में जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जुलाई में विभाग की होने वाली रिव्यू मीटिंग में इस बारे में चर्चा की जाएगी। जानकारी  के अनुसार जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या दस से कम हैं, वे स्कूल सिरमौर, चंबा, सोलन व हमीरपुर के  बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाएं भी शुरू नहीं हो पाई हैं।

नदी-नाले के पार नहीं जाएंगे छात्र

सरकार की ओर से जारी किए आदेशों में यह भी साफ है कि उन स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाएगा, जहां से दूसरा स्कूल बहुत दूरी पर है। बताया जा रहा है कि कम संख्या पर केवल वो स्कूल मर्ज नहीं होंगे, जहां पर दूसरे स्कूल तक पहुंचने के लिए नदी व नाला बीच में न आए।

4000 शिक्षक भरने के बाद भी स्कूल खाली

बताया जा रहा है कि पिछले साल प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 4000 शिक्षकों के पदों को भरा था। बावजूद इसके लगभक एक हजार के करीब ऐसे स्कूल हैं, जहां पर एक ही शिक्षक के भरोसे शिक्षा की लौ जल रही है।

नहीं होगा एक शिक्षक

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि प्रदेश के किसी भी स्कूल में एक शिक्षक नहीं, बल्कि दो शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। अब विभाग स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कर पाता है या नहीं, अब यह देखना अहम होगा।


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