बसों में नहीं चढ़े बाबू बने ड्राइवर-कंडक्टर

By: Jul 5th, 2019 12:15 am

परिवहन मंत्री के आदेशों पर भी नहीं हो पा रहा अमल, प्रदेश भर में निगम के दफ्तरों में लगभग 600 दे रहे सेवाएं

हमीरपुर – हिमाचल पथ परिवहन निगम के मंत्री भले ही बसों में ओवरलोडिंग की समस्या को हल करने के लिए नित नए-नए निर्देश जारी कर रहे हों, लेकिन धरातल पर उनके आदेश अमल होते नजर नहीं आ रहे। ऐसे में ओवरलोडिंग की यह समस्या सुलझती हुई नजर नहीं आ रही। बता दें कि परिवहन मंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि जो भी ड्राइवर-कंडक्टर किन्हीं कारणों के चलते डिपुओं में क्लर्क आदि का काम कर रहे हैं, उन्हें बसों में चढ़ना होगा और अपनी ड्यूटी करनी होगी। उन्होंने कहा था कि सबको काम करना पड़ेगा, चाहे कोई किसी का खास हो या आम। हैरानी की बात है कि मंत्री के आदेशों को हुए डेढ़ सप्ताह बीत चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। एचआरटीसी के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि निगम के वर्किंग 25 डिपुओं में से हर डिपो में औसतन करीब 25-25 ड्राइवर-कंडक्टर ऐसे हैं, जो काफी समय से क्लेरिकल वर्क कर रहे हैं। यह आंकड़ा 625 के लगभग बनता है। इनमें करीब पांच दर्जन महिला कंडक्टर भी शामिल हैं। उसके पीछे कारण बताया जाता है कि इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जो विधायकों और मंत्रियों की सिफारिश से यहां लगे हैं, जबकि कुछ ऐसे हैं, जिन पर निगम के अफसरों की नजर-ए-इनायत है। हां कुछ ऐसे भी हैं, जो बसों में ड्यूटी करने के लिए मेडिकल अनफिट घोषित किए गए हैं, लेकिन इनका आंकड़ा बहुत कम है। इनकी आड़ में कई बाबू बने बैठे हैं। बताते हैं कि यदि ऐसे ड्राइवर-कंडक्टरों को भी सख्ती से बसों में चढ़ाने के आदेश जारी कर दिए जाएं, तो जेएनएनयूआरएम की जो बसें खड़ी हैं और जो रूट चलते हुए भी नहीं चल पा रहे हैं, वे आसानी से चल सकेंगे और काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। उधर, हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष जसमेर सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों परिवहन मंत्री से मिलकर उनके समक्ष यह मसला उठाया था कि एक तो दफ्तरों में बैठे ड्राइवरों-कंडक्टरों को बसों पर चढ़ाया जाए, दूसरा जो चालक अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें नियमित करने के आदेश जारी करें। उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस बारे में निर्देश जारी करेंगे, लेकिन अभी तक के हालात देखकर तो लग रहा है कि नियमों की सही तरीके से पालना नहीं हो पाई है।

कार्यकाल पूरा, पर पक्के नहीं

एचआरटीसी में सेवाएं देने वाले चालकों को निर्धारित समय पर भी रेगुलर नहीं किया जा रहा। प्रदेश भर में मौजूदा समय में 300 चालक ऐसे हैं, जिनका मार्च, 2018 में नियमानुसार तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन उन्हें आज तक नियमित नहीं किया गया। वे प्रतिमाह सात हजार रुपए वेतन लेकर रोजाना बसों को चला रहे हैं, जबकि मोटी पगार लेने वाले किसी की आड़ लेकर दफ्तरों में बाबूगिरी कर रहे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App