भारत की शान हैं ये 10 किले

By: Jul 20th, 2019 12:05 am

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित यह किला 700 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। जमीन से 500 फुट की ऊंची पहाड़ी पर बना यह किला बेराच नदी के किनारे स्थित है। 7वीं सदी से 16वीं सदी तक यह राजपूत वंश का महत्त्वपूर्ण गढ़ था। इस किले की विशेषता इसके मजबूत प्रवेशद्वार, बुर्ज, महल, मंदिर, दुर्ग और जलाशय हैं जो राजपूत वास्तुकला के बेमिसाल नमूनों में शामिल हैं। इस किले के सात प्रवेश द्वार हैं…

-गतांक से आगे…

  1. चित्तौड़गढ़ का किला, राजस्थान

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित यह किला 700 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। जमीन से 500 फुट की ऊंची पहाड़ी पर बना यह किला बेराच नदी के किनारे स्थित है। 7वीं सदी से 16वीं सदी तक यह राजपूत वंश का महत्त्वपूर्ण गढ़ था। इस किले की विशेषता इसके मजबूत प्रवेशद्वार, बुर्ज, महल, मंदिर, दुर्ग और जलाशय हैं जो राजपूत वास्तुकला के बेमिसाल नमूनों में शामिल हैं। इस किले के सात प्रवेश द्वार हैं। पहला प्रवेश द्वार पैदल पोल के नाम से जाना जाता है जिसके बाद भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और आखिर में राम पोल है जो 1459 में बनवाया गया था। किले की पूर्वी दिशा में स्थित प्रवेशद्वार को सूरज पोल कहा जाता है। यहां दो प्रसिद्ध जलाशय हैं जो विजय स्तंभ और राणा कुंभा के नाम से प्रसिद्ध हैं।

  1. लाल किला, दिल्ली

लाल किला दिल्ली का एक विश्व प्रसिद्ध किला है। इसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल ने 1060 में करवाया था। बाद में पृथ्वीराज चौहान ने इसे फिर से बनवाया और शाहजहां ने इसे तुर्क शैली में ढलवाया था। लाल बलुआ पत्थरों और प्राचीर के कारण इसे लाल किला कहा जाता है। भारत के लिए यह किला ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। मुगल शासक शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा से शासन करने के बाद तय किया कि राजधानी को दिल्ली लाया जाए और यहां 1618 में लाल किले की नींव रखी गई। वर्ष 1647 में इसका उद्घाटन हुआ। करीब डेढ़ मील में फैले इस किले के लाहौर और दिल्ली गेट दो प्रवेश द्वार हैं।

  1. सोनार का किला, राजस्थान

सोनार का किला राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है। इस किले की खासियत यह है कि इस पर जैसे ही सुबह सूरज की किरणें पड़ती हैं, यह सोने की तरह दमकता है। इसलिए इसे सोनार का किला कहते हैं। वैसे रेगिस्तान के बीच में स्थित होने से इसे रेगिस्तान का दुर्ग भी कहा जाता है। यह दुनिया के बड़े किलों में से एक है और इसमें चारों ओर 99 गढ़ बने हुए हैं। इनमें से 92 गढ़ों का निर्माण 1633 से 1647 के बीच हुआ था। जैसलमेर के किले का मुख्य आकर्षण गोपा चौक स्थित किले का पहला प्रवेश द्वार है। यह विशाल और भव्य द्वार पत्थर पर की गई नक्काशी का शानदार नमूना है। दूसरा आकर्षण दुर्ग के अंतिम द्वार हावड़पोल के पास स्थित दशहरा चौक है जो इस दुर्ग का खास दर्शनीय स्थल है। यहां टूरिस्ट खरीददारी कर सकते हैं। जैसलमेर किले में एक अन्य आकर्षण है राजमहल। यह किले के अंदरूनी हिस्से में बना हुआ है। किसी समय यह महल राजा-महाराजाओं के रहने की मुख्य जगह हुआ करती थी। इस वजह से यह दुर्ग का सबसे खूबसूरत हिस्सा भी है।       


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