मछली के अवैध शिकार पर नजर

By: Jul 16th, 2019 12:05 am

 बिलासपुर —प्रदेश में मत्स्य धन को संरक्षित करने के लिए मत्स्य विभाग ने उड़न दस्ते का गठन किया है। राज्य में अवैध मछली शिकार को रोकने के लिए यह उड़नदस्ते कार्य करेंगे। उड़नदस्ते   डेली रिपोर्ट मात्स्यिकी निदेशालय को देंगे। मत्स्य विभाग के निदेशक एवं प्रारक्षी सतपाल मेहता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1976 तथा हिमाचल प्रदेश मत्स्य नियम 1979 के अधीन प्रदेश में जल संपदा के प्रभावी संरक्षण हेतु राज्य स्तरीय उड़नदस्ते का गठन किया गया है। सभी प्रकार के अवैध मछली शिकार को मत्स्य नियमों और अधिनियमों के तहत यह दस्ता अवैध रूप से मत्स्य शिकार को रोकेगा तथा पाक्षिक प्रगति से मात्स्यिकी निदेशालय को भी अवगत करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मत्स्य धन को संरक्षित करने के लिए जन साधारण को भी जागरूक होना पडे़गा, ताकि असमाजिक तत्त्व जैव विविधता को हानि न पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से सामान्य जल, ट्राउट जल तथा जलाशयों में अवैध रूप से मछली पकड़ने की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उप निदेशक मत्स्य महेश कुमार तथा ट्राउट फार्म पतलीकूहल जिला कुल्लू के नेतृत्व में गठित इस दस्ते में मत्स्य अधिकारी संरक्षण बिलासपुर अजय कुमार, उप निरीक्षक मत्स्य मंदली (गोबिंदसागर जलाशय) सुरम सिंह, मत्स्य क्षेत्रीय सहायक पतलीकूहल जिला कुल्लू पंजाब सिंह, मत्स्य क्षेत्रीय सहायक संरक्षण बिलासपुर लेखराम तथा मत्स्य क्षेत्रीय सहायक धमेटा (पौंग जलाश्य) सवरण सिंह सदस्य होंगे। बहरहाल ने मत्स्य विभाग की यह नई पहल मत्स्य धन को संरक्षित करने में काफी सहयोग करेगी। बात दें कि  कार्प फिश प्रोडक्शन मंे बेहतर प्रदर्शन के लिए इस बार पूरे देश भर मंे हिमाचल की फर्स्ट पोजिशन है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व मात्स्यिकी दिवस-2019 राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद में कृषि एवं विकास मंत्रालय द्वारा मनाया गया। इसमें देशभर के मत्स्य किसानों को उनकी उल्लेखनीय मात्स्यिकी गतिविधियों के लिए पुरस्कृत किया गया है। मात्स्यिकी विभाग की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर कई युवा अपना भविष्य संवार रहे हैं।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App