मास्टरकार्ड-वीजा इस्तेमाल को झटका
मुंबई-सरकार द्वारा ई-पेमेंट को बढ़ावा देने की मुहिम से आने वाले समय में मास्टरकार्ड और वीजा को बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार ने 50 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले बिजनस के लिए इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट पर बैंक चार्ज को वापस ले लिया है, जिससे दुकानदारों के लिए मास्टर या वीजा कार्ड के बदले यूपीआई या दूसरे लोकल ई-पेमेंट से भुगतान स्वीकार करना ज्यादा फायदेमंद हो जाएगा। बडे़ रिटेलर (50 करोड़ रुपए के टर्नओवर) रीटेल क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन के मुख्य आधार हैं। ये रीटेलर अब तक मर्चेंट डिस्काउंट रेट के जरिए करीब दो प्रतिशत फीस पे करते रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में कहा कि ऐसी बड़ी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने ग्राहकों को कम लागत वाले इलेक्ट्रॉनिक विकल्प उपलब्ध कराएं। इनमें भीम यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्ड, एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और आरटीजीएस शामिल हैं। बजट में यह भी सुनिश्चित हुआ है कि ग्राहक इनमें से किसी भी चैनल का उपयोग करके शुल्क का भुगतान नहीं करता और भुगतान बैंक और आरबीआई द्वारा किया जाता है। इसका मतलब है कि बिजनस में अब एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान चैनल होगा, जो अपने मार्जिन में दो फीसदी का सुधार करेगा।
साल के आखिर में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सुविधा
बड़े बिजनस द्वारा ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक मोड से पेमेंट की सुविधा देने वाला इनकम टैक्स एक्ट का यह नया सेक्शन 269एस इस साल के आखिर तक पहली नवंबर, 2019 से लागू होगा। इनोविटी पेमेंट्स के फाउंडर राजीव अग्रवाल बताते हैं, इस कदम से कस्टमर्स के द्वारा यूपीआई बेस्ड पेमेंट में बढ़ोतरी होगी और इससे कारोबारियों द्वारा कार्ड का माइग्रेशन भी संभव है। इससे कार्ड के वॉल्यूम पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है और यूपीआई के प्रति कारोबारियों के व्यवहार में भी बदलाव आएगा।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App