लाहुल के छरमा से निर्मित उत्पाद बनेंगे दुनिया की पसंद

By: Jul 15th, 2019 12:03 am

25 जुलाई को घाटी जाएगी निजी कंपनियों की टीम

शिमला लाहुल-स्पीति के सीबकथॉर्न (छरमा) से बनने वाले उत्पाद देश व दुनिया में पसंद किए जाएंगे। वर्तमान में भी इसके उत्पादों को लोग पसंद करते हैं, परंतु यह हिमाचल में आसानी से नही मिल पाते। देश की कुछ नामी कंपनियां छरमा पर आधारित उद्योग लगाना चाहती हैं,जिसके लिए इन कंपनियों ने प्रदेश सरकार से बात की है। पिछले दिनों दिल्ली में कृषि मंत्रियों की बैठक के बाद कुछ निजी कंपनियों के साथ इस संबंध में चर्चा हुई है। राज्य के कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा को कुछ कंपनियों के कंसल्टेंट मिले हैं, जिन्होंने छरमा से बनेउत्पादों के बारे में उन्हें बताया है। हिमाचल के लिए यह सुखद है कि खुद निजी कंपनियां यहां पर सीबकथॉर्न से उत्पाद तैयार करने की इच्छा रखती हैं और चाहती हैं कि वह यहां पर ऐसे उद्योग लगाएं। सूत्रों के अनुसार 25 जुलाई को इन कंपनियों की एक टीम, जिनमें कंसल्टेंट भी होंगे, लाहुल का दौरा करेंगे, क्योंकि वहां छरमा सबसे अधिक मात्रा में मिलता है। इससे कई तरह के उत्पाद तैयार होते हैं, जिनके मार्केट में आने के बाद इनकी डिमांड भी बढ़ेगी।  लाहुल के लोग छरमा की खेती भी करते हैं। यदि कंपनियां इस तरह का उद्योग स्थापित करें, तो लाहुल के लोगों का स्वरोजगार भी बढ़ेगा और इसकी खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार पहले से चाहती है कि ऐसे उद्योग धंधे यहां पर स्थापित हों जिससे स्वरोजगार बढ़ सके। कैंसर-शुगर भगाने के लिए रामबाण छरमा से कई तरह की दवाएं भी तैयार की जाती हैं। छरमा कैंसर व शुगर की बीमारियों के लिए रामबाण है। दवाओं के निर्माण में इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। सीबकथॉर्न की पत्तियों में विटामिन सी समेत कई दूसरे पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में होते हैं। डायबिटिज के मरीजों के लिए इससे खाद्य वस्तुएं भी बनती हैं।

एक किलो के दाम 360 रुपए से ज्यादा

मार्केट में छरमा की पत्तियां वर्तमान में 360 रुपए प्रतिकिलो से अधिक दाम में खरीदी जा रही हैं। लाहुल में इस पर काम चल रहा है, लेकिन सरकार चाहती है कि बड़ी मात्रा में इसकी खेती हो सके, ताकि लोगों का स्वरोजगार बढ़े।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App