वाइल्ड फ्लावर हॉल की लीज बढ़ेगी

By: Jul 8th, 2019 12:02 am

शिमला —शिमला के छराबड़ा स्थित फाइव स्टार होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल की लीज बढ़ाने के लिए जयराम सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक एक केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से कवायद तेज कर दी है। हांलाकि सरकार ने इस मसले पर जल्द फैसला करना था, लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। प्रॉपर्टी को देख रही ईस्ट इंडिया होटल्स कंपनी में रिलायंस भी अब पार्टनर है। अभी यह होटल ओबराय ग्रुप के पास है। वाइल्ड फ्लावर हॉल पूर्व कांग्रेस सरकार ने ज्वाइंट वेंचर में बनाया था। तब जमीन की वैल्यू करीब सात करोड़ थी और प्रोजेक्ट भी 40 करोड़ का था। इसमें 20 करोड़ की इक्विटी राज्य सरकार की थी और इसी में सात करोड़ लैंड वैल्यू भी थी। इस तरह 35 फीसदी शेयर राज्य सरकार का होने के कारण कंपनी में चेयरमैन मुख्य सचिव थे, लेकिन कंपनी इसके बाद प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ाती गई और लैंड की वैल्यू कभी नहीं बढ़ाई। राज्य सरकार का शेयर नहीं बढ़ाया, जबकि प्रोजेक्ट की लागत 100 करोड़ कर दी गई। इससे राज्य सरकार का शेयर 14 फीसदी रह गया। पूर्व में जब पर्यटन सचिव अशोक ठाकुर थे, तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी और मामला आर्बिट्रेशन में गया। इस केस में आर्बिट्रेटर इलाहबाद हाई कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस सेठ नियुक्त हुए। उन्होंने फैसला दिया कि अब कंपनी में राज्य सरकार की शेयर होल्डिंग जीरो होगी, लेकिन संपत्ति लीज  राज्य सरकार की है। इसलिए कंपनी सरकार को कांट्रेक्ट की डेट से सालाना एक करोड़ लीज मनी देगी और 40 साल के बाद प्रॉपर्टी भी राज्य सरकार को लौटानी होगी। इस आर्डर को कंपनी ने हाई कोर्ट से स्टे करवा दिया। तब से लीज बढ़ाने पर कंपनी का फोकस है।

जल्द सुनवाई के लिए आवेदन तक नहीं किया

हैरानी की बात है कि आर्बिट्रेशन आर्डर के बाद 2005 से ये केस हाई कोर्ट में है। राज्य सरकार को 1995 से सालाना एक करोड़ मिलना है, वह भी नहीं मिल रहा। आज तक प्रदेश में कांग्रेस और भजपा की सरकारें रही, लेकिन किसी ने आज तक हाई कोर्ट में इस केस की जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन नहीं किया।


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