सतनाम ने एमबीए कर पाया बड़ा पैकेज

By: Jul 24th, 2019 12:07 am

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के पीजी कालेज धर्मशाला में शिक्षा ग्रहण करने वाले शाहपुर के गबरू सतनाम सम्याल ने वायजूज कंपनी में दस लाख का पैकेज लेकर बड़ी उड़ान भरी है। इतना ही नहीं सतनाम अब इससे भी अधिक बड़ी छलांग लगाकर हिमाचल का नाम रोशन करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। सतनाम सिविल सर्विसेस और पीएचडी करने के प्रयास में डटे हुए हैं। प्रदेश के जिला कांगड़ा शाहपुर के गांव भनाला के रहने वाले सतनाम सम्याल का जन्म तीन मार्च 1993 को हुआ। उनके पिता बलदेव सिंह सीआईएसएफ में इंस्पेक्टर के रूप में देश के लिए सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जबकि माता स्नेहलता सम्याल गृहिणी है, जबकि उनके परिवार में उनकी दो बड़ी बहनें प्रियंका और प्रियंग्दबा भी हैं। सतनाम की आरंभिक पढ़ाई दसवीं तक सेक्रेट हार्ट स्कूल धर्मशाला से हुई है। इसके बाद उन्होंने जमा दो तक की पढ़ाई डीएवी कॉलेज कांगड़ा से पूरी की। सतनाम ने बीबीए व एमबीए का अध्ययन पीजी कालेज धर्मशाला में पूरा किया। धर्मशाला महाविद्यालय में एमबीए करने के दौरान ही कैंपस पलेसमेंट में सतनाम को वायजूज कंपनी ने दस लाख के सालाना पैकेज पर जॉब ऑफर की। जिसके बाद उन्होंने अपने दो माह का अध्ययन पूरा करने के बाद नौकरी में ज्वाइन कर ली है। वायजूज कंपनी प्राइवेट लिमिटेड एजुकेशन टेक्नोलाजी पर कार्य करती है। सतनाम ने जम्मू में बतौर मार्केटिंग एंड सेल्स मैनेजर के रूप में पद संभाला। इसके बाद अब जल्द ही सतनाम चंडीगढ़ में कंपनी का कार्यभार संभालेंगे। वहीं सतनाम अब इससे भी बड़ी उड़ान भरने की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने सिविल सर्विसेस व यूजीसी नेट जेआरएफ पीएचडी की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई करते हुए कंपनी में जॉब करने का मौका उन्हें मिला है, जिससे अच्छा अनुभव सिखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी में काम करने के साथ-साथ  वह अभी भी प्रशासनिक सेवाओं के लिए प्रयास करने में डटे हुए हैं।

मुलाकात

हिमाचल में टेलेंट मौजूद, पर मौके की जरूरत…

अब तक की शिक्षा में जो मिला या जिसे पाना बाकी है?

अब तक जितनी शिक्षा प्राप्त की थी, उससे संतुष्ट हूं। अब आगे जो एजुकेशन करनी है, उसके तहत हासिल करना बाकी है।

क्या हिमाचल में रहते हुए भी शिक्षा में आयाम स्थापित किए जा सकते हैं, कितना सहमत हैं?

हिमाचल में शिक्षा का स्तर अब बहुत अच्छा है और यहां के बच्चे देश भर में आयाम स्थापित कर रहे हैं। लेकिन राज्य के प्रारंभिक एजुकेशन सिस्टम को सुधारने की जरूरत है।

हिमाचली युवा खुद को कैसे साबित कर सकता है?

हिमाचल के युवाओं में काफी टेलेंट है, बस उन्हें सही मौका मिलने की जरूरत है।

ऐसी क्या खूबी रही कि आपको दस लाख का पैकेज मिल गया?

पीजी कालेज धर्मशाला में बीबीए और एमबीए की पढ़ाई में शिक्षकों ने जो-जो मुझे पढ़ाया था, उसी से संबंधित प्रश्न इंटरव्यू में मुझसे पूछे गए। साथ ही कम्युनिकेशन स्किल और आत्मविश्वास से भी फायदा मिला।

शिक्षा को करियर बनाने के लिए तीन प्रमुख विशेषताएं जो आपने शुरू से ही तय कीं?

मैंने जो भी अध्ययन किया उसके कान्सेप्ट हमेशा क्लीयर रखे, और उसके आधार पर ही अपना अध्ययन जारी रखा।

कोई सुधार जो हिमाचल में शिक्षा की वर्तमान स्थिति को परिमार्जित कर सकता है?

इसमें कोई शक नहीं कि उच्च शिक्षा में सरकारी शिक्षण संस्थान अव्वल हैं, लेकिन प्रदेश में नींव कहे जाने वाली प्रारंभिक शिक्षा का स्तर बहुत निम्न है। सरकार द्वारा करोड़ों खर्च करने के बावजूद उसके परिणाम बेहतर नहीं हैं, जिससे अब प्राइवेट की तरफ अधिक रुझान हो रहा है। इस विषय पर सरकार व विभाग सहित शिक्षकों को गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

युवाओं को अपने सपनों का पीछा करते हुए किन बिंदुओं पर सशक्त होना पड़ेगा?

युवाओं को अपना टारगेट पूरी तरह से क्लीयर होना चाहिए। साथ ही कम्युनिकेशन स्कील को डिवेलप करने और आत्मविश्वास भी बहुत जरूरी है।

क्या आप पढ़ाई में स्वनिर्देशित रहे या जो चाहा, उसी पर चलने को सहयोग मिला?

जी बिलकुल मुझे शुरू से ही मैनेजमेंट जाने का विषय क्लीयर था, इसी को लेकर काम किया है।

आप परीक्षा, प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा को किस तरह से देखते हैं?

यह जीवन को कसौटी में कसने के लिए  उक्त तीनों ही महत्त्वपूर्ण विषय है।

जो केवल हिमाचल की पृष्ठभूमि से मिला?

अब तक जो भी मिला है, वह हिमाचल प्रदेश से ही मिला है। मुझे हिमाचली होने पर गर्व है और अब बाहरी राज्यों में घूमने से और भी अधिक गर्व मुझे अपने प्रदेश पर होता है, लेकिन प्रदेश में जॉब की संभवानाएं कुछ कम हैं, उनमें कुछ सुधार की गुंजाइश है।

नरेन कुमार, धर्मशाला


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App