होटलों-घरों पर नोटिस चस्पां

By: Jul 18th, 2019 12:05 am

कंडाघाट—कंडाघाट के साधुपुल में बने होटल व घर कभी भी ध्वस्त हो सकते है । इन होटलों व घरों को बचाने को लेकर प्रशासन द्वारा होटल व घरों को खाली करने को लेकर नोटिस चस्पा दिए है। प्रशासन द्वारा नोटिस चस्पाने के बाद लोगों ने भी घरों व होटलों में रखा सामान बाहर निकलना शुरू कर दिया है। एक हफ्ते के अंदर दो बार साधुपुल नाले में भारी पानी व मलवा आने के चलते साधुपुल में बने होटल व घरों को अपनी चपेट में ले लिया था। जिसके चलते 30 लाख रुपए तक का नुकसान हो चुका है। तीन दिन पहले इस नाले में भारी पानी व मलबे में होटल का एक कर्मचारी भी इस कि चपेट में आ गया था। जिसका उपचार शिमला अस्पताल में चल रहा है। जबकि एक दिल्ली के वाहन को इस मलबे ने 40 फुट गहरी खाई में फेंक दिया था। इस दौरान पांच युवकों की जान जाने से बच गई थी। साधुपुल में बने इस नाले का निरीक्षण करने के बाद सर्कल पटवारी ने प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है कि इस नाले में बड़ी बड़ी पत्थर की कई शिलाएं फसी हुई है। जो कभी भी तेज पानी के बहाव के चलते नीचे की ओर लुड़क सकती है। यदि ये पत्थर की शिलाएं नीचे की ओर लुड़कती है तो नाले के साथ बने घरों सहित साधुपुल में होटलों व घरों को अपनी चपेट में ले लेगा। सर्कल पटवारी ने इस नाले का निरीक्षण करने के बाद मौके की जी रिपोर्ट बनाई है उस रिपोर्ट को सर्कल पटवारी ने नायब तहसीलदार कंडाघाट विनोद को सौंप दी है। नायब तहसीलदार विनोद ने भी मौके की रिपोर्ट मिलने के बाद इस कि एक रिपोर्ट एसडीएम कंडाघाट दे दी है। साधुपुल में बने होटल रेनवो के मालिक पवन ठाकुर ने बताया कि अभी तक उनका 25 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो गया है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द नाले में जो बड़ी पत्थर की शिलाएं है उन को तोड़वाया जाए ताकि होने वाले नुकसान से बचा जा सके ।

टूरिज्म का वाटर पार्क कैफे भी आ सकता है चपेट में

कंडाघाट के साधुपल में अश्वनी खड्ड के साथ कई करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए टूरिज्म विभाग का वाटर पार्क कैफे भी इस कि चपेट में आ सकता है। यदि इस वाटर पार्क कैफे में पत्थर की बड़ी शिलाएं टकराती है तो इस से कई करोड़ों रुपए का नुकसान होगा।एसडीएम कंडाघाट डा. संजीव धीमान ने बताया कि साधुपुल में घरों व होटलो को खाली करने को लेकर साधुपुल में नोटिस चस्पा दिए गए है। प्रशासन द्वारा नाले में फंसी पत्थरों की बड़ी शिलाओं को तोड़ने को लेकर रणनीति बनाई जा रही है, ताकि साधुपुल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।


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