अनुच्छेद 370 हटने से घाटी में खुलेंगे विकास के दरवाजे

By: Aug 7th, 2019 12:01 am

नई दिल्ली, सोलन  – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनुच्छेद 370 को हटाने का स्वागत करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक कदम’ करार दिया। उन्होंने इस बोल्ड फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को ढेरों बधाइयां दी। मुख्यमंत्री का मानना था कि जम्मू-कश्मीर के विकास और बढ़ोतरी पर इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद जयराम ठाकुर ने मंगलवार को नई दिल्ली संसदीय परिसर में पहली बार मीडिया से संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के बाद गृह मंत्री अमित शाह ‘लौह पुरुष’ के तौर पर हमेशा याद किए जाते रहेंगे। इतिहास में दर्ज है कि सरदार पटेल ने किस तरह भारत को एकजुट किया था। उसी तर्ज पर अमित शाह के योगदान का मूल्यांकन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि संपूर्ण देश के साथ कश्मीर का भावुक जुड़ाव और भी मजबूत होगा, जो इससे पहले इतना नहीं हो सका था।  मुख्यमंत्री ने यही बात बाद में सोलन में दोहराते हुए कहा कि आजाद भारत में दो विधान, दो संविधान और दो निशान सही नहीं थे। इसके लिए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन की कुर्बानी दी और कश्मीर में लागू परमिट सिस्टम को हटाया गया, लेकिन उनकी शहादत के बाद भी धारा 370 भारत में लागू रही। इस कारण जम्मू-कश्मीर भारत के साथ भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ पा रहे थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, अभिन्न अंग है और अभिन्न अंग रहेगा। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख, दो केंद्र शासित राज्यो में विभक्त कर और अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर के निवासियों एवं भारत को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक एवं देशहित के निर्णय की बधाई देते हुए कहा कि आने वाले समय में इसके लघु एवं दीर्घकालिक लाभ स्पष्ट होंगे।

चार साल रहे हैं जम्मू-कश्मीर

सोलन – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी चार वर्ष तक जम्मू कश्मीर में कार्य किया है और इस दौरान उन्होंने लोगों की कठिनाइयों को बड़े समीप से देखा है। जब जम्मू-कश्मीर के सचिवालय के सामने खड़े होते थे तो देखते थे कि एक तरफ भारत का झंडा होता था और दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर का झंडा, लेकिन अब एक ही झंडा होगा। अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के उपरांत जम्मू-कश्मीर में देश के सभी जनहित के नियम एवं अधिनियम लागू हो पाएंगे, जिनसे अभी तक जम्मू-कश्मीर की जनता महरूम थी।

कांग्रेस के कई नेताओं की पार्टी से अलग राय

अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस नेता आपस में बंटे हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी से अलग राय रखते हुए सरकार के पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा, दीपेंदर हुड्डा, रंजीता रंजन, ज्योतिराधित्य सिंह और रायबरेली से विधायक अदिति सिंह शामिल हैं।

पहले इतिहास पढ़ें फिर कांग्रेस में रहें

नई दिल्ली – गुलाम नबी आजाद से मंगलवार को जब पूछा गया कि पार्टी के कुछ नेता अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार द्वारा निरस्त करने के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर के इतिहास या कांग्रेस का इतिहास कुछ पता नहीं, उनसे मुझे कुछ लेना-देना नहीं। उन्होंने कहा कि वह पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़ें, फिर कांग्रेस में रहें।


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