अपनी ही सरकार पर धवाला की ज्वाला

By: Aug 30th, 2019 12:01 am

आयुर्वेद विभाग के दैनिक भोगियों को रेगुलर न करने पर उग्र हुए ज्वालामुखी के विधायक

शिमला – पिछले कुछ महीने से नाराज चल रहे ज्वालामुखी से भाजपा विधायक रमेश धवाला ने सदन में अपनी ही सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने आयुर्वेद विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पदों को भरने तथा दैनिक भोगियों को रेगुलर करने का मामला उठाया। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने धवाला के सवालों का जवाब तो दिया, लेकिन वह संतुष्ट नहीं हुए। धवाला ने स्वास्थ्य मंत्री को साफ कहा कि आपके अधिकारियों ने सही जानकारी नहीं दी है। मैंने आरटीआई से पूरी जानकारी ली है, जिसे साथ लेकर आया हूं। गुरुवार को धवाला ने प्रश्नकाल के दौरान आयुर्वेद विभाग में 190 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को रेगुलर करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विभाग में कुछ कर्मचारियों को 12 साल पार्टटाइम और सात साल दैनिक वेतनभोगी के तौर पर कार्य करते हुए हो चुके हैं। बावजूद इसके उन्हें रेगुलर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर इन्हें कब रेगुलर किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जून में 14 कर्मचारियों को रेगुलर किया गया है। नियमों के तहत ऐसे कर्मचारियों को खाली पदों के अनुसार ही रेगुलर किया जाता है। अभी विभाग के पास खाली पद नहीं हैं। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट रमेश धवाला ने कहा कि उनके पास आरटीआई की सूचना है। इसके अनुसार आयुर्वेद विभाग में 181 पद खाली पड़े हुए हैं। इनमें कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 84 पद खाली हैं। इसके अलावा जोगिंद्रनगर, रिकांगपिओ, लाहुल-स्पीति, कुल्लू और आर्युवेद निदेशालय में पद खाली हैं। धवाला ने कहा कि इन कर्मचारियों ने ऐसा क्या पाप किया हुआ है, जो इन्हें रेगुलर नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कुल 1093 पद सृजित हैं। मौजूदा समय में ये सारे भरे हुए हैं और 190 दैनिक भोगी कर्मचारी है। इनमें से 81 कर्मी सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नौ कर्मचारियों का सेवाकाल पांच साल से कम है। जल्द ही सरकार इन कर्मचारियों को रेगुलर करेगी।

एएचसी में तैनात होंगे मसाजर

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा केंद्रों पर मसाजर की तैनाती कर दी जाएगी। पंचकर्मा थैरेपी के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विधायक राजेंद्र गर्ग द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब पर स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी। एक अन्य अनुपूरक सवाल के माध्यम से विधायक रामलाल ठाकुर ने मंत्री से पूछा कि कई फार्मेसी में दवाई क्यों नहीं बन रही हैं? जवाब में मंत्री ने कहा कि रूल के मुताबिक राहत देंगे।

जहां बच्चे कम, वहां ज्यादा टीचर

प्रदेश के एक हजार 35 स्कूलों में बच्चे कम और अध्यापक अधिक हैं। इसमें 417 सीनियर सेकेंडरी, एक हाई स्कूल, 28 मिडल स्कूल और 588 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। सरकार इस दिशा में भविष्य में सार्थक नीति बनाएगी। यह जानकारी शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला को लिखित में दी।

 


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