आधे बैंकों का एनपीए घटा 

By: Aug 14th, 2019 12:05 am

फिक्की की रिपोर्ट, एनबीएफसी की दिक्कत दूर करने को उठाएं कदम 

नई दिल्ली – उद्योग मंडल फिक्की के एक सर्वेक्षण में आधे से ज्यादा बैंकों ने फंसे कर्ज (एनपीए) में कमी की सूचना दी है। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) क्षेत्र की दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठाने की मांग की है। यह सर्वेक्षण जनवरी-जून, 2019 के दौरान किया गया है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्षम वित्त बैंक समेत कुल 23 बैंकों ने हिस्सा लिया। बैंकों ने सुझाया है कि कर अनुपालन को बढ़ाने के लिए सरकार को जीएसटी की रूपरेखा को सरल बनाना चाहिए और जीएसटी की दरों में कमी करनी चाहिए। उद्योग मंडल ने मंगलवार को फिक्की-आईबीए सर्वेक्षण के नौवें चरण को जारी करते हुए कहा कि सर्वेक्षण में भाग लेने वाले बैंकों का मानना है कि कुछ प्रमुख क्षेत्रों में अगले छह महीनों में अधिक कर्ज की जरूरत होगी। ये क्षेत्र बुनियादी ढांचा, धातु, रीयल एस्टेट, वाहन एवं वाहन कलपुर्जे, फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, बैंकर्ज का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में पूंजी डाली जानी चाहिए और एनबीएफसी क्षेत्र की दिक्कतों को दूर करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। फिक्की ने कहा कि ये प्रतिक्रियाएं केंद्रीय बजट 2019-20 पेश होने से ठीक पहले मिली थीं। वास्तव में, बजट में बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया था। इसमें सरकारी बैंकों में 70000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश भी शामिल है। इसमें वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी की ऊंची रेटिंग वाली संपत्तियों के खरीद के लिए वह सरकारी बैंकों को एकबारगी छह महीने की आंशिक ऋण गारंटी उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव है। यह ऋण गारंटी बैंकों को उनके पहले दस फीसदी तक के नुकसान के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। फिक्की ने कहा कि इन उपायों से नकदी की समस्या को दूर करने में मदद मिलनी चाहिए और वृद्धि को समर्थन देने के लिए अधिक ऋण सुनिश्चित होगा।


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