कविता : बरसात
Aug 28th, 2019 12:20 am
जब-जब भी आती है, बरसात अनेक खुशियां लाती है बरसात मन में नई-नई उमंगें जगाती हैं बरसात अनेक खुशियां लाती है बरसात। जब भी आती है, धरती को हरा-भरा कर जाती है बरसात। जब-जब भी आती है अनेक खुशियां लाती हैं बरसात। बरसात में सारे नाले-नदियों में पानी भर जाती है बरसात। अनेक खुशिशं लाती है, बरसात, गर्मी से राहत दे जाती है बरसात
– विवेक चौधरी
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