कालेज के सरकारीकरण को घेरा एसडीएम आफिस

By: Aug 6th, 2019 12:02 am

जोगिंद्रनगर –आयुर्वेदिक बी फार्मेसी कालेज जोगिंद्रनगर के प्रशिक्षुओें ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर बी फार्मेसी आयुर्वेदिक छात्र संघ के अध्यक्ष नितिन शर्मा, उपाध्यक्ष अलीशा शर्मा, सचिव नितिन भारद्वाज और सुमन यादव की अध्यक्षता में एक दिन की हड़ताल करते हुए सरकार के नकारात्मक रवैये के विरोध में जम कर नारेबाजी की। विद्यार्थियों ने कालेज परिसर से लेकर उपमंडलाधिकारी नागरिक जोगिंद्रनगर के कार्यालय तक रैली निकाली और एसडीएम कार्यालय के बाहर भी सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की तथा लगभग आधे घंटे तक एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। इस मौके पर उन्होंने नायब तहसीलदार मेघना गौस्वामी के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा, प्रदेश आर्युवेद मंत्री, सचिव और निदेशक आयुर्वेद विभाग तथा प्रधानाचार्य आयुर्वेद विभाग को ज्ञापन भेज कर कालेज में आ रही समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने विद्यार्थियों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया तो बी.फार्मा कॉलेज के सभी विद्यार्थी सड़कों पर उतर जाएंगे और भूख हड़ताल तक करने को मजबूर हो जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नौ दिसंबर को जोगिंद्रनगर प्रवास के दौरान बी फार्मा कालेज के सरकारीकरण करने की बात कही थी, लेकिन आठ माह बीत जाने के बावजूद इस कालेज का सरकारीकरण नहीं किया गया। इससे विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आयुर्वेद की जिज्ञासा लेकर उत्तराखंड की नितिका शर्मा और हरियाणा की सुमन यादव ने कहा कि विद्यार्थियों ने यहां आकर आर्युवेद को जानने की जिज्ञासा लेकर प्रवेश लिया तथा उन्हें बताया गया था कि यह सरकारी कालेज है। लेकिन, दाखिला लेने के बाद उन्हें पता चला कि यह एक सोसायटी के तहत अर्द्धसरकारी कालेज है जो विद्यार्थियों की दी गई फीस पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पर अध्यापकों की भी भारी कमी है। उन्होंने कहा कि जो अध्यापक यहां पर तैनात थे उन्हें तबादला कर यहां से भेजा जा रहा है, जो पद तबादले के बाद यहां पर रिक्त हैं उन्हें सरकार की उदासीन रवैये के चलते भरा नहीं जा रहा है।

क्या कहते हैं प्रधानाचार्य

इस संदर्भ में कार्यकारी प्रधानाचार्य डा. सुरेश भंडारी ने कहा कि उच्च अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करवाया गया है और वे खुद भी लगातार उच्च अधिकारियों से इस संदर्भ में बात कर रहे हैं। जैसे ही सरकार और उच्च अधिकारियों के आदेश होंगे। सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा।

दो साल पहले हुआ था छात्रावास का उद्घाटन

दो वर्ष पूर्व कालेज में बने छात्रावास का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था, लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बावजूद यह छात्रावास छात्राओं के लिए नहीं खोला गया है। करोड़ों रुपए की लागत से बने इस छात्रावास में लाखों रुपए का साजो सामान भी खरीद कर रखा गया है, जो धूल फांक रहा है। जबकि यहां पढ़ने वाली छात्राएं अन्य जगहों पर क्वार्टर  लेकर रहने को मजबूर हैं। इससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

14 पोस्ट में से सिर्फ तीन ही भरी

आठ वर्ष पहले शुरू हुए आयुर्वेदिक बी फार्मेसी कालेज में लगभग 14 पोस्टें स्वीकृत हुई थीं, लेकिन अभी तक मात्र तीन ही अध्यापक तैनात हैं। इसमें से भी एक चिकित्सक का तबादला यहां से पपरोला के लिए कर दिया गया है। वह बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रसासन शास्त्र और प्रैक्टिकल भी करवाते थे। इसके अलावा तीन चिकित्सक यहां पर आए थे। लेकिन उनमें से दो चिकित्सकों ने भविष्य को देखते हुए रिजाइन कर दिया और एक चिकित्सक का फिर तबादला हो गया था। अब यहां पर आयुर्वेदिक कालेज पपरोला, हर्बल गार्डन जोगिंद्रनगर और राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय जोगिंद्रनगर से डेपुटेशन पर अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए आते हैं।


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