क्लास में पढ़ाने को टाइम बहुत कम था

By: Aug 8th, 2019 12:30 am

बोर्ड परीक्षाओं में कम रिजल्ट पर 140 शिक्षकों ने शिक्षा विभाग को भेजा जवाब

शिमला – सरकारी स्कूलों के गुरुजी ने बोर्ड परीक्षाओं में कम रिजल्ट का ठीकरा छात्रों और शिक्षा विभाग पर ही फोड़ दिया है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक कम रिजल्ट पर कहते हैं कि उन्हें कक्षाओं में पढ़ाने के लिए ज्यादा समय नहीं मिला। दरअसल इस वर्ष बोर्ड रिजल्ट के दौरान 50 व 25 प्रतिशत कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने कारण पूछा था। विभाग ने शिक्षकों को कम रिजल्ट आने पर नोटिस भी जारी किए थे। दो माह बाद प्रदेश के दो जिलों से लगभग 140 शिक्षकों के जवाब आ चुके हैं। विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट में 40 प्रतिशत ऐसे शिक्षक हैं, जो कहते हैं कि उन्हें कक्षाओं में जाने के लिए कम समय मिला और वे दूसरे विभागीय कार्यों में उलझे रहे। वहीं, 20 प्रतिशत टीचर कहते है कि छात्रों को जो पढ़ाया जाता है, उसे वे सही ढंग से नहीं पढ़ते और घर जाकर भी उसे रिवाइज नहीं करते हैं। 25 प्रतिशत रिजल्ट आने पर महिला शिक्षिकों ने विभाग को लिखा है कि वे मातृत्त्व अवकाश पर थीं, इस वजह से उन्हें कक्षाओं में पढ़ाने का बहुत कम समय मिला। इसके अलावा कई शिक्षकों ने दूसरी कक्षाओं को पढ़ाने का कारण भी बताया है। अहम यह है कि कई वरिष्ठ शिक्षकों ने यह भी लिखा है कि वे स्कूल में छह माह पहले ही आए थे। इस वजह से छात्रों को अधिक समय नहीं दे पाएं। बताया जा रहा है कि विभाग सभी जिलों से शिक्षकों के कम रिजल्ट पर जवाब आने के बाद ही उनका आकलन करेगा। वहीं, इन स्कूलों के प्रिंसीपल व प्रधानाचार्य से भी जवाब-तलब किया जाएगा। विभाग ने साफ  किया है कि अगर वह इन जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 22 अप्रैल को जमा दो की कक्षाओं का रिजल्ट घोषित किया था। इस बार जमा दो का रिजल्ट 62.01 प्रतिशत रहा था, वहीं दसवीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम 67.9 फीसदी रहा है। दसवीं में 6395 छात्रों को कंपार्टमेंट आई है। पिछले तीन साल में सबसे कम परिणाम इस साल दसवीं के छात्रों का रहा है। गौर हो कि बोर्ड परीक्षा परिणाम हर साल खराब आ रहा है। दसवीं व जमा दो के परिणामों में सुधार को लेकर विभाग की ओर से हर साल निर्देश भी जारी होते हैं, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार फिलहाल नहीं हो रहा है। शिक्षा विभाग के अनुसार अंग्रेजी, साइंस, मैथ विषय में ही अधिकतर छात्र फेल हुए हैं।  अब बाकी जिलों के शिक्षकों को भी 15 दिन के भीतर कम रिजल्ट पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

अगले साल कार्रवाई

सरकार के अनुसार अगले वर्ष बोर्ड की परीक्षाओं में कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस दौरान शिक्षकों की इन्क्रीमेंट तक रोकने के फैसले को सरकार ने लागू करने के संकेत दिए हैं।

इनका जवाब आया

शिक्षा विभाग को ऊना से मैट्रिक के 67 शिक्षकों और जमा दो के 34 शिक्षकों ने कम रिजल्ट पर जवाब भेजा है। इसके साथ ही सिरमौर से जमा दो 16 और मट्रिक से  23 शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षओं के कम परिणाम पर अपना जवाब दिया है।


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