क्षमा-प्रेम से महान बनता है इनसान
मनाली में धार्मिक समागम के दौरान तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की सीख, विदेशों से भी पहुंचे अनुयायी
मनाली – तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि सभी प्रमुख धार्मिक परंपराएं मूल रूप से प्रेम, दया और क्षमा का एक ही संदेश देती हैं। उन्होंने अनुयायियों से कहा कि वे उन्हें अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। धर्मगुरु मनाली में चल रहे तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन में अनुयायियों को ज्ञान आबंटित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्ञान, दया और क्षमा इनसान को बड़ा बनाती है। अपनी क्षमताओं को जान कर और उनमे यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने साथ दूसरों को भी खुश रखने के लिए करुणा का भाव रखें। दयालुता ही इंसान का धर्म है। इनसान का धर्म दयालुता है। सच्चा हीरो वही है, जो अपने क्रोध को जीत लेता है। अनुयायी टशी पलजोर, सोनम, डोल्कर दोरजे और डोलमा ने कहा कि वे दलाईलामा के प्रवचनों को सुनकर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे है। हिमालयन बुद्धिस्ट सोसायटी के मुख्य सरंक्षक रवि ठाकुर ने बताया कि महामहिम कर प्रवचनों को सुनने के लिए बौद्ध अनुयायियों का भारी हजूम देखने को मिला। गुरुवार को आर्य अवलोकितेश्वर का अभिषेक होगा, जिसमें अनुयायियों के भारी संख्या में आने की उम्मीद है।
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