घणाहट्टी कैंपस का रास्ता साफ

By: Aug 8th, 2019 12:02 am

एचपीयू में नई कमेटी ने कैंपस को लेकर तैयार किया न्यू प्रोपोजल

शिमला -हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का शिमला के घणाहट्टी में बनने वाले नए कैंपस को लेकर रास्ता साफ हो गया है। अब नए तरीके से घणाहट्टी कैंपस का प्रोपोजल कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार की टीम ने तैयार किया है। अहम यह है कि चार से पांच साल तक अभी तक घणाहट्टी कैंपस को लेकर जो गुमराह किया जा रहा था, उससे भी अब राहत मिलेगी। 200 बीघा जमीन पर सरकार से मंजूरी लेने के लिए एचपीयू ने सरकार के आदेशानुसार प्रोपोजल तैयार कर दिया है। इस प्रोपोजल पर इसी माह मुख्यमंत्री व वन मंत्री से एचपीयू बैठक करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस मामले पर अब विश्वविद्यालय को बड़ी राहत प्रदान कर सकती है। बता दें कि घणाहट्टी में बनने वाले एचपीयू कैंपस की जमीन चार से पांच साल तक भी विश्वविद्यालय के नाम ही नहीं हो पाई। ऐसे में इतने सालों से नए कैंपस के नाम पर केवल गुमराह ही पूर्व एचपीयू प्रशासन द्वारा किया जा रहा था। हैरत तो इस बात की है कि एचपीयू के नाम जब जमीन ही नहीं हुई थी, तो इतनी औपचारिकताएं पूरी करने के दावे क्यों किए जा रहे थे। फिलहाल छात्रों व कर्मचारियों को राहत देने के मकसद से घणाहट्टी कैंपस की जमीन जल्द एचपीयू के नाम हो जाएगी। वहीं, स्पेस कम होने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा। बता दें कि इससे पहले कहा जा रहा था कि वन विभाग की एनओसी के बिना करीब 200 बीघा भूमि विवि को नहीं मिल सकेगी। जब तक एनओसी नहीं मिलेगी, विवि प्रशासन भूमि पर कार्य आरंभ ही नहीं करवा सकता है, लेकिन अब एचपीयू प्रशासन सीधे इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार से ही मांग करेगा। गौर हो कि घणाहट्टी में विवि को दूसरा परिसर स्थापित किया जाएगा। इसमें एमसीए, बीएलएलबी, बीसीए आदि कोर्स की कक्षाएं चलंेगी। इसके अलावा होस्टल कैंटीन आदि की सभी सुविधाएं इस परिसर में मौजूद होंगी। यहां पर परिसर बनने से इससे स्थानीय छात्रों को बड़ा फायदा होगा। इसके साथ ही विवि में उक्त कोर्स में अध्ययनरत छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सके। विवि के पास भवन की कमी पांच साल से काफी बढ़ गई है। कई विभागों में सीटें बढ़ाई गई हैं, लेकिन भवन सीमित है। ऐसे घणाहट्टी में परिसर बनने से आसपास के कई क्षेत्रों के छात्रों को इससे लाभ होगा। इससे छात्रों को लंबा सफर तय करके प्रदेश विवि में अध्ययन के लिए नहीं आना पड़ेगा। खास बात यह है कि विवि प्रशासन को एनओसी लेने में भी अब ज्यादा मश्कत नहीं करनी होगी। विवि में तैयार की गई कमेटी ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी है। जानकारी मिली है कि इस रिपोर्ट को लोक निर्माण विभाग की सहायता से बनाया गया है। इसमें पूरे प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट भी है। भूमि पर कौन से भवन बनेंगे? कितनी मंजिल होगी? कितने क्षेत्र में भवन निर्मित किया जाएगा? ऐसे बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए विवि प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार की है। फिलहाल विवि का दावा है कि घणाहट्टी के नजदीक भूमि में अधिकांश औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।


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