चाणक्य एकेडमी हर मायने में बेस्ट
बीपीएल-शहीदों के बच्चों को फ्री कोचिंग दे रहा संस्थान
हमीरपुर – कोचिंग के क्षेत्र में कोई भी विषय हो, चाणक्य एकेडमी ने हमेशा अपनी काबीलियत के दम पर गुरु होने का प्रमाण दिया है। एकेडमी का एक लंबा इतिहास है। न केवल शिक्षा में, बल्कि समाजिक सरोकारों में भी एकेडमी हमेशा अग्रणी रही है, फिर चाहे बात गरीबों के बच्चों को फ्री में शिक्षित करने की हो या फिर शहीदों को सम्मान देने की। दिलचस्प बात यह है कि चाणक्य कोचिंग एकेडमी में फैकल्टी स्टाफ का भी हर साल टेस्ट होता है, ताकि यह परखा जा सके कि जो टीचर यहां बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वे खुद कितना नया सीख रहे हैं। एकेडमी 2001 से हमीरपुर में कोचिंग के क्षेत्र में सेवाएं दे रही है, लेकिन वर्ष 2013 के बाद एकेडमी ने जिस तरीके से खुद को अन्य सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ा। एकेडमी शहीदों और बीपीएल परिवारों के बच्चों को फ्री में कोचिंग देती है। संस्थान के निदेशक डा. नवनीत शर्मा के अनुसार एकेडमी में हमीरपुर के अलावा चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना, मंडी, कुल्लू और रोहड़ू से लगभग 200 स्टूडेंट्स हर वक्त शिक्षा ग्रहण करते हैं, जबकि 500 से 600 स्टूडेंट्स हर सेशन में कोचिंग लेने के लिए आते हैं।
तीन सेशन में 35 डाक्टर-88 इंजीनियर दिए
चाणक्य एकेडमी कई वर्षों से कोचिंग के क्षेत्र में बच्चों को तैयार कर रही है, लेकिन पिछले तीन सेशन पर नजर डालें, तो एकेडमी ने 35 डाक्टर और 88 इंजीनियर देश को दिए। वर्ष 2017 में 10 एमबीबीएस, 24 एनआईईटी, आईआईटी, जीईसीएस और यूआईआईटी में, 19 बीवीएससी, बीएससी व होर्टिकल्चर एवं एग्रीकल्चर में सिलेक्ट हुए। 2018 में 15 एमबीबीएस, 35 एनआईटी, आईआईटी, जीईसीएस और यूआईआईटी में, 20 बीवीएससी, बीएससी व होर्टिकल्चर एवं एग्रीकल्चर में सिलेक्ट हुए, जबकि सेशन 2019 में 10 एमबीबीएस, 29 एनआईटी, आईआईटी, जीईसीएस और यूआईआईटी में जबकि 21 स्टूडेंट्स बीवीएससी, बीएससी व होर्टिकल्चर एवं एग्रीकल्चर में सिलेक्ट हुए।
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