जोल-कोहटा का पानी मटमैला

By: Aug 21st, 2019 12:12 am

लोगों ने मेवा-लगवालती पेयजल योजना से जोड़ने की उठाई मांग

भोरंज – उपमंडल भोरंज के अंतर्गत पड़ने वाली उठाऊ पेयजल योजना जोल कोहटा का पानी मटमैला हो गया है। इससे ग्रामीण मटमैला पानी पीने को मजबूर हंै। जोल उठाऊ पेजयल योजना को मेवा-लगवालती उठाऊ पेजयल योजना से जोड़ने की लोगों ने सिर्फ बरसात के समय लंबे अरसे से मांग उठाई है। जोल उठाऊ पेयजल योजना के सूखने से गांव जोल, सरसोली, कोहटा के लगभग 900 परिवार हंै। गौरतलब है कि आईपीएच विभाग से कई बार इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं। जोल कोहटा पेयजल योजना के तहत गांव जोल, कोहटा, सरसोली के सैकड़ांे परिवारों को सीर खड्ड के किनारे बनी योजना से पेयजल आपूर्ति होती है, लेकिन वर्ष 2014 में आई भयानक बाढ़ से इस योजना के लिए डाइक डैम जो खड्ड के भूमिगत पानी को भंडारण कर जलभंडार टैंक में एकत्रित कर सके वह टूट गया है और चार वर्ष गुजरने के बाद आज तक विभाग ने भी इसकी सुध नहीं ली है। यह डाइक वाल वर्ष 2012 में बनी थी। गौरतलब है कि पिछले छह-सात वर्ष से जोल कोहटा पेयजल योजना की डाइक वाल टूट गई है, लेकिन विभाग का वर्षों का यही जबाब है कि एस्टीमेट बनाकर भेज दिया  जाएगा शीघ्र ही इसे तैयार कर दिया है। क्षेत्र की सारी योजनाएं मेवा लगवालती पेयजल योजना पर निर्भर हो जाती है। लोगों में ग्राम सुधार कमेटी प्रधान ध्यान सिंह, सचिव शेर सिंह, सुरेंद्र सिंह, हेम राज, धर्म सिंह, लेख राज शर्मा, धर्म चंद, प्यार चंद, सतीश, ग्राम सुधार कमेटी कोहटा इंद्र राम पठानिया, ज्ञान चंद, सुरेश कुमार, योग राज, ईश्वर दास शर्मा, मोहिंद्र सिंह, अवतार सिंह, योग राज, पवन कुमार, देश राज, राम नाथ, प्रेम चंद, दीप चंद, संजय कुमार इत्यादि समस्त ग्रामीणों ने शीघ्र आईपीएच विभाग से मांग कि है की समस्या के समाधान किया जाए। इस संदर्भ मंे आईपीएच विभाग के एसडीओ अजय वर्मा का कहना है कि एस्टीमेट बनाकर नाबार्ड को भेज दिया है, मंजूर होते ही डाइक वाल लगा दी जाएगी। मेवा-लगवालती योजना से भी शीघ्र टैंक को जोड़ दिया जाएगा, जिससे लोगों की मटमैला पानी पेयजल समस्या दूर हो जाएगी।


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