ठियोग रामपुर और रोहड़ू के बागीचों के फंसा करोड़ों का सेब

By: Aug 25th, 2019 12:08 am

बेलगाम बरसात ने सेब सीजन पर सबसे तगड़ा प्रहार किया है। अपनी माटी के लिए शिमला से हमारे सहयोगी शकील कुरैशी और ठियोग से रोहित सेम्टा  ने अपर शिमला के हालात जाने। पता चला कि ठियोग, रोहड़ू और रामपुर में सैकड़ों छोटी बड़ी सड़कें बंद पड़ी हैं। इससे बागबान सेब को मंडियों तक पहुंचाने में असमर्थ हैं। उन्हें मजबूरी में सेब तुड़ान रोकना पड़ा है, जिससे अब बागीचों में ड्रापिंग बढ़ गई है। अगर प्रदेश सरकार ने जल्द ही सड़कों की हालत न सुधारी तो करोड़ों रुपए का सेब बागीचों में ही बर्बाद हो जाएगा। हालांकि प्रदेश सरकार हार्टीकल्चर को 38 करोड़ रुपए का नुकसान बता रही है, लेकिन असल में यह नुकसान कहीं ज्यादा है।  इसमें ठियोग में ही 66 लाख का नुकसान बताया गया है। उधर सेब मंडियों में अराइवल कम हो गया है। कुल मिलाकर सेब सीजन का भट्टा बैठ गया है। मंडी जिला के करसोग में एक नर्सरी को नुकसान पहुंचा है। उधर, बारिश से चंबा जिला के लाहड़ू में  विभाग की नर्सरी के 80 हजार पौधे बह गए। यह नर्सरी चक्की खडड की भयंकर बाढ़ में आ गई है। वहीं किन्नौर जिला में सेब के आठ हजार दरख्त गिर गए हैं या बाढ़ में बह गए हैं। कुल मिलाकर बागबानी सेक्टर को बारिश से गहरा आघात लगा है।

खड्डों से खेतों तक पहुंचा बारिश का कोहराम

भिंडी-घीया समेत कैश क्रॉप तहस-नहस

हिमाचल में भयंकर बारिशों ने भिंडी टेढ़ी कर दी है। घीये की बेल सड़ गई है, तो करेला और बैंगन खेतों में ही खराब हो गए हैं। अगस्त के अंतिम हफ्ते में बरसात ने सारी कैश क्रॉप को खत्म कर दिया है। अपनी माटी टीम  ने शिमला में कृषि निदेशालय का दौरा किया। वहां से बताया  गया कि हिमाचल सरकार ने शुरुआती तौर पर 38 करोड़ का नुकसान आंका है, लेकिन यह आंकड़ा शायद इससे कहीं ज्यादा है। क्योंकि अभी कई जगह से नुकसान के आंकड़े नहीं पहुंचे हैं। कांगड़ा, चंबा, मंडी, ऊना, हमीरपुर के अलावा सोलन, सिरमौर व शिमला में नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। मंडी के पंडोह और बल्ह घाटी में मक्की मटियामेट हो गई है। चंबा के भटियात में धान और मक्की को खूब नुकसान पहुंचा है। कई किसानों ने सूखती फसलों को उजाड़ दिया है। साथ ही प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाए। दूसरी ओर ये बारिशें धान की फसल में रामबाण का काम कर गई हैं। कृषि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इससे लेट रोपा गया धान भी पहले बीजे गए धान की बराबरी कर लेगा।

– रिसर्च डेस्क

आढ़तियों ने 449 बागबानों से की ठगी विधानसभा पहुंचे बागबान

प्रदेश के मेहनतकश बागबानों से ठगी करने वाले 449 आढ़ती निकले। कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने जानकारी दी है। मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा प्रदीप चौहान बनाम प्रदेश सरकार मामले में 25 अप्रैल को एसआईटी गठित की गई। उसके बाद जांच शुरू हुई और बागबानों से ठगी करने वाले आढ़तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। लिखित जवाब में कहा है कि आढ़तियों ने 449 बगबानों की अदायगी नहीं की है।

-शकील कुरैशी, शिमला

किसानों के बच्चों को स्पेशल कोर्स

किसानों- बागबानों की आय दोगुनी करने के लिए नए प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे। मेरा प्रयास रहेगा कि  किसानों के लिए नौणी यूनिवर्सिटी में कुछ ऐसे कोर्स शुरू किए जाएं, जो सिर्फ किसानों और उनके बच्चों के लिए हों। यह कहना है नौणी यूनिवर्सिटी के नए वीसी डा. परविंद्र कौशल का। डा. कौशल ने हाल ही में कार्यभार संभाला है। सोलन से ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार और नौणी से हमारी संवाददाता मोहिनी सूद ने उनसे प्रमुख प्राथमिकताएं जानने के लिए विशेष भेंट की। डा. कौशल ने कहा कि रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक किसानों तक पहुंचें और ग्राउंड रूट पर हो रहे काम को जांचे और परखें। इसके अलावा चाहे फल हों या फिर सब्जियां, उन्हें रोग से बचाने के लिए जी जान से प्रयास करने होंगे। डा. कौशल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिमाचल क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान दें। हमारे स्टूडेंट्स को आखिर इंटरनेशनल लेवल पर कंपीटीशन करना है।  इसी तरह यूनिवर्सिटी में खाली पदों से भी डा. कौशल चिंतित हैं, खाली पद भरे बिना योजना को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। तो ये हैं नए वीसी के लक्ष्य। आपको जल्द मिलाएंगे नई शख्सियत के साथ। तब तक दीजिए।

सब्जी मंडियों में मनमानी पर उखड़ी किसान सभा

प्रदेश की कई सब्जी मंडियों में किसानों के माल का वजन नहीं किया जाता। समर्थन मूल्य तो दूर,उन्हें बिल तक नहीं पकड़ाए जाते। इन्हीं बड़ी समस्याओं से आहत किसानों ने हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हिमाचल किसान सभा ने इसके लिए तीन जिलों के केंद्र बिंदु सोलन का चयन करने के बाद वहां सब्जी मंडी के गेट पर जमकर प्रदर्शन किया। सभा ने कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय से सवाल किया है कि क्या सब्जी मंडी में कोल्ड स्टोर नहीं होना चाहिए,जिसमें वे बिक्री से बचे हुए माल को अगले दिन के लिए रख सकें। सभा  का कहना है कि किसान सुबह चार बजे मंडी पहुंच जाते हैं। क्या उन्हें प्रदेश की सभी सब्जी मंडियों में कैंटीन नहीं मिलनी चाहिए। सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सभी किसानों को बिल भी  मिलना चाहिए।  उम्मीद है विधानसभा सत्र में सरकार उनकी मांगों पर जरूर गौर करेगी।

— सुरेंद्र ममटा

किसान-बागबान जरा ध्यान से प्रदेश में बढ़ रहा है स्क्रब का खौफ

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की विशेष हिदायतें

किसान और बागबान जरा ध्यान दें….बागीचों में काम करना हो तो अपना पूरे अंग ढक कर रखें। अभी जो मामलें स्क्रब टायफस से प्रभावित आ रहे हैं उसमें किसानों और बागबानों की संख्या ज्यादा है। मंगलवार को भी प्रदेश भर में छह प्रभावितों को स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हुई है। जिसमें सभी किसान, बागबान और घास काटने वाली महिलाएं हैं। खासतौर पर शिमला की तस्वीर पर गौर करें तो शिमला में स्क्रब टायफस का ग्राफ बढ़ने लगा है।       -स्टाफ रिपोर्टर, शिमला

गाजर घास से बनाएं कंपोस्ट खाद

कृषि विज्ञान केंद्र रोहडू में गाजर घास जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र रोहडू के प्रभारी डा. नरेंद्र कायथ ने करालश में उपस्थित लोगों को गाजर घास के उगने, फैलने व उसके बाद उसे किस प्रकार से उपयोग में लाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु में इस घास को फूल आने से पहले जड़ से उखाड़ को कंपोस्ट व वर्मी कंपोस्ट बनाया जा सकता है। इससे जहां खरपतवार नष्ट होता है। वहीं वैज्ञानिक विधि बनाकर जैविक खाद बना सकते हैं।

कुरली को आया गुस्सा, पनाह मांगने लगी जिंदगी

कल तक शांत दिख रही बाणगंगा का रौद्र रूप देख आज हर कोई सहम उठा है। चाहे श्री चामुंडा जी मंदिर हो, या फिर हरिपुर के मैदान बनेर का नजारा रौंगटे खड़ा कर देने वाला है। पालमपुर में कुछ यही हाल न्यूगल के हैं। गगल में मांझी खड्ड भी सबको डरा रही है, तो गज, देहर और चक्की ने न जाने कितना नुकसान कर डाला है। मौसम विभाग चाहे कुछ भी कहे, लेकिन कहने वाले कह रहे हैं कि यह कुरली का गुस्सा है। कांगड़ा-चंबा  में श्रावण मास के अंतिम आठ दिन कुरल के माने जाते हैं और अगले आठ दिन कुरली के। मान्यता के अनुसार ये दोना पक्षी हैें। पहले आठ दिन कुरली पक्षी राज कुरल की सेवा करती है। उसके बाद कुरल को कुरली की सेवा करनी होती है। कुरल अगर सेवा में नाकाम रहता है, तो कुरली को गुस्सा आ जाता है। यही कारण है कि इस बार जहां कुरल कुछ हद तक शांत रहा, लेकिन कुरली ने अपने पहले ही दिन यानी शनिवार को कहर बरपा दिया है।  सैकड़ों सड़कें ठप हैं, कई पुल ध्वस्त हो गए। कई कूहलें और प्रोजेक्ट उड़ गए। खैर अब जितने मुंह उतनी बातें। हां, वे किसान जरूर खुश होंगे, जो धान बीजने में लेट हो गए थे, क्योंकि कुरली ने अगेत-पछेत सारी फसल को एक जैसा बना दिया है

— पूजा चोपड़ा, डेस्क रिसर्च

अब तक 30 कमीशन एजेंट दोषी करार

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस एसआईटी ने विभिन्न न्यायालयों द्वारा 30 कमीशन एजेंटों को दोषी करार दिया है, जिसमें से तीन को गिरफ्तार कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने इन आढ़तियों को 31 मार्च से पहले बागबानों के पैसे जमा करने के लिए अल्टीमेटम जारी कर दिया था, लेकिन आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई की जा रही है।

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आप हमें व्हाट्सऐप पर खेती-बागबानी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी भेज सकते हैं। किसान-बागबानों के अलावा अगर आप पावर टिल्लर-वीडर विक्रेता हैं या फिर बीज विक्रेता हैं,तो हमसे किसी भी तरह की समस्या शेयर कर सकते हैं।  आपके पास नर्सरी या बागीचा है, तो उससे जुड़ी हर सफलता या समस्या हमसे साझा करें। यही नहीं, कृषि विभाग और सरकार से किसी प्रश्ना का जवाब नहीं मिल रहा तो हमें नीचे दिए नंबरों पर मैसेज और फोन करके बताएं।

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