डीसी शिमला ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
अधिकारियों के साथ बैठक कर नुकसान की फीडबैक लेकर जनजीवन को सामान्य बनाने के दिए निर्देश
नेरवा -बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए डीसी शिमला अमित कश्यप ने नेरवा पहुंचकर नेरवा चौपाल के प्रशासनिक अधिकारियों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ के बाद के हालात और नुकसान का जायजा लिया एवं सभी विभागों को स्थिति को शीघ्र सामान्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने रविवार तक क्षेत्र की बिजली, पानी एवं सड़क व्यवस्था को पूरी तरह सुचारू करने के सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए। नेरवा के 13 वृतों के पटवारियों को लोगों के घरों, बागीचों, उपजाऊ जमीन, स्कूल भवनों और अन्य सरकारी भवनों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के आदेश भी दिए। इस दौरान उन्हों ने बाढ़ प्रभावित सिहक्यार, राणा क्यार एवं बाढ़ में बह चुके भराणू स्कूल का दौरा भी किया और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत पंहुचाने के आदेश दिए। उन्होंने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ है एवं उनकी यथासंभव मदद की जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए कि विकास खंड की सड़कों को भी लोक निर्माण विभाग ही खोलेगा। इस दौरान लोक निर्माण विभाग ने जानकारी दी कि भारी बरसात से उपमंडल चौपाल की सभी 95 सड़कें बंद हो गई थी जिनमें से शनिवार शाम तक 77 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। अन्य 18 सड़कों का नुक्सान अत्यधिक हुआ है एवं इनको खोलने में समय लग सकता है। कुपवी तहसील मुख्यालय को उपमंडल से जोड़ने के लिए मालत-देइया और धोताली-देइया सड़कों को ठीक कर व्यवस्था बनाने एवं किसानों बागवानों के उत्पादों को मुख्य सड़कों तक पंहुचाने की व्यवस्था बनाने के आदेश दिए गए। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उपमंडल में कुल 240 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई थी, जिनमें से 191 को दुरुस्त कर पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है एवं रविवार तक सभी पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया जाएगा। विद्युत विभाग ने रिपोर्ट दी कि उपमंडल के अधिकांश क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था को सुचारु कर दिया गया है। भराणू से थरोच तक लाइन पूरी तरह बह गई है जहां पर पोल पंहुचाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है एवं सोमवार तक पूरे क्षेत्र में बिजली बहाल कर दी जाएगी। परिवहन निगम ने जानकारी दी कि नेरवा डिपो की 92 रूटों पर चलने वाली 54 में से 29 बसें विभिन्न रूटों पर फंस गई थी जिनमें से 16 बसों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 13 बसें अभी भी फंसी हुई हैं। इसी प्रकार बाढ़ और बारिश से कुछ घरों के पूरी तरह नष्ट होने एवं 155 मकानों की क्षति होने की पुष्टि राजस्व विभाग द्वारा की गई है। इसके अलावा अन्य विभागों ने भी नुक्सान की रिपोर्ट डीसी शिमला के समक्ष रखी। जिलाधीश अमित कश्यप ने सरकारी अमले का जी जान से काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि आपदा से पीडि़त किसी भी व्यक्ति को कोई दुश्वारी या कष्ट न होने पाए।
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