ताजमहल या तेजो महालय, जानिए रहस्य

By: Aug 10th, 2019 12:15 am

शोधकर्ताओं के अनुसार आगरा से 600 किलोमीटर दूर बुरहानपुर में मुमताज की कब्र है जो आज भी ज्यों की त्यों है। बाद में उसके नाम से आगरा के ताजमहल में एक और कब्र बनी जो नकली है। बुरहानपुर से मुमताज का शव आगरा लाने का ढोंग क्यों किया गया? माना जाता है कि मुमताज को दफनाने के बहाने शाहजहां ने राजा जयसिंह पर दबाव डालकर उनके महल (ताजमहल) पर कब्जा किया…

-गतांक से आगे…

ओक के अनुसार जयपुर के राजा से हड़प किए हुए पुराने महल में दफनाए जाने के कारण उस दिन का कोई महत्त्व नहीं। शहंशाह के लिए मुमताज के कोई मायने नहीं थे क्योंकि जिस जनानखाने में हजारों सुंदर स्त्रियां हों उसमें भला प्रत्येक स्त्री की मृत्यु का हिसाब कैसे रखा जाए। जिस शाहजहां ने जीवित मुमताज के लिए एक भी निवास नहीं बनवाया, वह उसके मरने के बाद भव्य महल बनवाएगा?

यहां दफन है मुमताज!

शोधकर्ताओं के अनुसार आगरा से 600 किलोमीटर दूर बुरहानपुर में मुमताज की कब्र है जो आज भी ज्यों की त्यों है। बाद में उसके नाम से आगरा के ताजमहल में एक और कब्र बनी जो नकली है। बुरहानपुर से मुमताज का शव आगरा लाने का ढोंग क्यों किया गया? माना जाता है कि मुमताज को दफनाने के बहाने शाहजहां ने राजा जयसिंह पर दबाव डालकर उनके महल (ताजमहल) पर कब्जा किया और वहां की संपत्ति हड़पकर उनके द्वारा लूटा गया खजाना छुपाकर सबसे निचले माला पर रखा था जो बहुत काल तक वहीं रखा रहा। वर्तमान में स्थिति क्या है, यह कोई नहीं जानता। मुमताज का इंतकाल 1631 को बुरहानपुर के बुलारा महल में हुआ था। वहीं उन्हें दफना दिया गया था। लेकिन माना जाता है कि उसके 6 महीने बाद राजकुमार शाह शूजा की निगरानी में उनके शरीर को आगरा लाया गया। आगरा के दक्षिण में उन्हें अस्थायी तौर पर फिर से दफन किया गया और आखिर में उन्हें अपने मुकाम यानी ताजमहल में दफन कर दिया गया।

क्या शाहजहां और मुमताज में प्रेम था

ओक के अनुसार क्योंकि शाहजहां ने मुमताज के लिए दफन स्थान बनवाया और वह भी इतना सुंदर, तो इतिहासकार मानने लगे कि निश्चित ही फिर उनका मुमताज के प्रति प्रेम होना ही चाहिए। तब तथाकथित इतिहासकारों और साहित्यकारों ने इसे प्रेम का प्रतीक लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने उनकी गाथा को लैला-मजनूं, रोमियो-जूलियट जैसा लिखा जिसके चलते फिल्में भी बनीं और दुनियाभर में ताजमहल प्रेम का प्रतीक बन गया। यह झूठ आज तक जारी है। मुमताज से विवाह होने से पूर्व शाहजहां के कई अन्य विवाह हुए थे, अतः मुमताज की मृत्यु पर उसकी कब्र के रूप में एक अनोखा खर्चीला ताजमहल बनवाने का कोई कारण नजर नहीं आता। मुमताज किसी सुल्तान या बादशाह की बेटी नहीं थी। उसे किसी विशेष प्रकार के भव्य महल में दफनाने का कोई कारण नजर नहीं अता। उसका कोई खास योगदान भी नहीं था। उसका नाम चर्चा में इसलिए आया क्योंकि युद्ध के रास्ते के दौरान उसने एक बेटी को जन्म दिया था और वह मर गई थी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App