तीन जिले… और इंस्पेक्टर सिर्फ एक

By: Aug 9th, 2019 12:01 am

निचले हिमाचल में पर्यटन-होटल उद्योग पर नजर रखने को नहीं अधिकारी   

धर्मशाला     – निचले हिमाचल का पर्यटन व होटल उद्योग मात्र एक इंस्पेक्टर के सहारे चल रहा है। कारोबार बढ़ गया, कागजी औपचारिक्ताएं बढ़ गई, होटल के साथ साथ होम स्टे खुलने शुरू हो गए, पर मैन पावर में इजाफा नहीं हो पाया। यहां इंस्पेक्टर के अलावा ईटीडीओ और सुपरिंटेंडेंट सहित अन्य पद भी खाली पड़े हैं। ऐसे में दर्जनों संस्थान बिना मान्यता व पंजीकरण अवैध रूप से चल रहे हैं। एक अधिकारी कांगड़ा, ऊना व हमीरपुर में कहां-कहां निरीक्षण करेगा। नए भवनों के कमरों की लंबाई-चौड़ाई से लेकर तमाम कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। वहीं, पूर्व में चल रही इकाइयों का भी निरीक्षण करना अनिवार्य है, लेकिन सरकारी ढील व उच्च अधिकारियोंं की लापरवाही के चलते प्रदेश सरकार को लाखों का चूना लग रहा है। निचले हिमाचल के इस सर्किट में पहले से ही दो पोस्ट स्वीकृत हैं, लेकिन वर्षों से यहां एक ही अधिकारी काम कर रहा हैं। विभाग के पास हर दिन करीब दो से तीन फाइलें विभाग के कार्यालय में पहुंच रही हैं। ऐसे में आवेदन करने वालों को भी कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा एनजीटी, हाई कोर्ट के आदेशों की पालना करने व उन्हें धरातल पर लागू करवाने के लिए भी स्टाफ की आवश्यकता रहती है। इन जिलों में करीब एक हजार से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं।

निरीक्षण करने वाले नहीं

पर्यटन विभाग के पास निरीक्षण करने वाले व व्यवस्थाओं को बनाए रखने वाले अधिकारियों की कमी के चलते अनेकों होटल एवं होम-स्टे ऑनलाइन बुकिंग कर जुगाड़ से धंधा चला रहे हैं, लेकिन इससे न तो सरकार को कोई लाभ मिल रहा है और न ही ऐसे कारोबारियों पर किसी का कोई नियंत्रण है।

सरकार को नहीं फायदा

टेंटिंग पर्यटन के बढ़ते कारोबार व इस पर नियंत्रण करने का भी विभाग के समक्ष बड़ी चुनौती है। अपनी तरह के इस नए कारोबार में युवा पीढ़ी अधिक रुचि दिखा रही है, लेकिन उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अभी तक कोई विशेष योजना नहीं है। सरकार इनसे कोई लाभ नहीं ले पा रही है।


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