पहले दो साल की फीस जमा करवाओ, तभी कालेज आओ

By: Aug 20th, 2019 12:01 am

शिमला – स्कॉलरशिप घोटाले के बाद जब छात्रों की स्कॉलरशिप बंद हुई तो डिफाल्टर प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने नया हथकंडा अपना लिया है। सीबीआई की कार्रवाई से भी बेखौफ चंडीगढ़ के  एक निजी कालेज ने छात्रों को दो साल की फीस एकमुश्त जमा करने का फरमान जारी किया है। साथ यह भी साफ कर दिया है कि जब तक छात्रों की फीस संस्थान में जमा नहीं हो जाती है, तब तकवे कक्षाएं भी नहीं लगा सकते। हैरत की बात यह है कि यह नोटिस जहां संस्थान ने कैंपस के बोर्ड में लगाया है, वहीं स्कॉलरशिप से पढ़ने वाले छात्रों को भी थमा दिया है। बताया जा रहा है कि इस निजी कालेज में स्कॉलरशिप के सहारे 20 छात्रों ने एचएम में प्रवेश लिया था। ये छात्र अब फाइनल ईयर में पहुंच चुके हैं।  छात्रों ने संस्थान के नए फरमान की लिखित  शिकायत शिक्षा विभाग की स्कॉलरशिप ब्रांच में की है। शिकायत पत्र के साथ छात्रों ने कालेज की ओर से कक्षाओं में न आने के नोटिस को भी लगाया है। हैरानी इस बात की है कि जिस कालेज में हिमाचल के ये 20 छात्र टे्रनिंग कर रहे थे, वह कालेज स्कॉलरशिप घोटाले के मामले पर पहले से ही डिफाल्टर घोषित हो चुका है। हालांकि चंडीगढ़ के निजी कालेज में पड़ने वाले इन छात्रों का नाम-पता व रिकार्ड खंगालने के बाद विभाग ने उन्हें वेरिफाई कर दिया है। वेरिफिकेशन में यह साफ हो चुका है कि ये सभी छात्र स्कॉलरशिप के लिए पात्र हैं। बावजूद इसके इन छात्रों के खाते में दो साल की वजीफा राशि शिक्षा विभाग नहीं डाल पा रहा है। बताया जा रहा है कि कई छात्रों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। उधर, इस मामले पर सीबीआई ने भी शिक्षा विभाग को निजी शिक्षण संस्थानों के खाते में जांच पूरी न होने तक वजीफे की राशि न डालने को कहा है। शिक्षा विभाग में रोजाना स्कॉलरशिप न मिलने की वजह से परेशान छात्र शिकायतें कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सरकार को प्रोपोजल भेजकर इस मामले पर राय मांगी है और जिन छात्रों के आवेदन वेरिफिकेशन में सही पाए जा रहे हैं, उनके अकाउंट में वजीफा राशि डालने की अनुमति भी मांगी है। दरअसल एक और जहां चंडीगढ़ के निजी कालेज ने छात्रों को कक्षाओं में न आने का नोटिस थमाया है, वहीं दूसरे संस्थानों ने भी दोटूक कहा है कि वे छात्रों की डिग्री तब तक नहीं देंगे, जब  तक स्कॉलरशिप खाते में नहीं आ जाती है। बहरहाल स्कॉलरशिप घोटाले के बाद डिफाल्टर प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने नया अब हथकंडा अपना लिया है। सीबीआई की कार्रवाई से भी निजी शिक्षण संस्थान बेखौफ हैं।

80 से एक लाख साल की फीस

बताया जा रहा है कि निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की फीस हर साल 80 से एक लाख तक विभाग द्वारा जारी होती है। स्कॉलरशिप के माध्यम से यह फीस शिक्षा विभाग निजी शिक्षण संस्थानों को जारी करता था, लेकिन वर्ष 2016 के बाद संस्थानों को यह फीस नहीं मिली है।


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