बेरहम बरसात ने धो डाला बिलासपुर
बारिश से जिला भर में 20 करोड़ का नुकसान… एक की मौत… 10 मकान जमींदोज… भू-स्खलन से जगह-जगह फंसे लोग
बिलासपुर – मूसलाधार बारिश ने बिलासपुर जिला में जिंदगी ही जाम कर दी है। प्रारंभिक आकलन में जिला भर में अभी तक 20 करोड़ से ज्यादा नुकसान हुआ है। अंबर से बरपे कहर में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि घुमारवीं उपमंडल में एक गांव के धंसने की वजह से 10 मकानों के पूरी तरह से जमींदोज होने पर सभी परिवार सड़क पर आ गए हैं। वहीं, 23 गोशालाएं गिरने से 62 मवेशियों की मौत हो गई। जिला बिलासपुर की बंद पड़ी 84 सड़कों में से रविवार शाम तक 32 को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। मौसम विभाग की ओर से बारिश की संभावना के मद्देनजर सोमवार को सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है। यहां बता दें कि एनएच पर फंसे 124 यात्रियों को जिला प्रशासन ने गोबिंदसागर झील के रास्ते मोटरबोट के जरिए बिलासपुर तक पहुंचाकर अपने अपने गंतव्यों के लिए रवाना होने में मदद की। बिलासपुर के कार्यकारी उपायुक्त विनय धीमान ने बताया कि छड़ोल में एक कैंटर लैंड स्लाइड की चपेट में आने से खाई में गिर गया, जिसमें अजेंद्र सिंह निवासी जीरकपुर पंजाब की मौत हो गई है। वहीं, बिजली बोर्ड को 11 लाख का नुकसान हुआ है, जबकि आईपीएच विभाग की 40 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कृषि विभाग को अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार घुमारवीं उपमंडल में ही 25 बीघा में नुकसान का आकलन किया गया है। राजस्व विभाग को आठ करोड़ का नुकसान हुआ है।
84 में से 32 संपर्क मार्ग बहाल
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि जिला में बारिश की वजह से 84 संपर्क सड़कें और चंडीगढ़-मनाली एनएच बंद रहा। लेबर संग कुल 53 जेसीबी व 12 टिप्पर बहाली के लिए लगाए गए हैं और रविवार शाम तक 32 मार्ग खोल दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी को 12.80 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
जिला में 20 जगह फंसे 5000 यात्री
चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 20 स्पॉट पर भारी लैंड-स्लाइड होने से वहां 5000 से ज्यादा यात्री फंसे हुए थे, जिनमें से ज्यादातर रास्ता बंद होने के कारण वापस हो गए हैं, जबकि फंसे 1000 यात्रियों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने राहत कार्य तेज किया है। वहीं, नौणी से लेकर स्वारघाट तक एनएच को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
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