मेमोरी शार्प करती हैं अच्छी किताबें

By: Aug 24th, 2019 12:25 am

हेल्दी रहने के लिए हम कई तरह के नुस्खे अपनाते हैं। खाने-पीने, एक्सरसाइज से लेकर अपने लाइफस्टाइल तक में कई सारे बदलाव करते हैं। सही ब्लड सर्कुलेशन, सही ब्लड प्रेशर, पेट से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई रोग न होना हेल्दी होने की कैटेगरी में ही आता है, लेकिन इन सबके बीच बॉडी को पूरी तरह से कंट्रोल करने वाले दिमाग को इग्नोर कर जाते हैं। जब तक दिमाग हेल्दी नहीं रहेगा तब तक बॉडी के किसी भी पार्ट को कंट्रोल कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। अगर हम आपको कहें कि किताब पढ़ने से आपके दिमाग में सकारात्मक बदलाव आते हैं तो कैसा रहेगा, निश्चित तौर पर आप खुश होंगे। अमरीका शोधकर्ताओं ने पाया है कि अच्छी किताबें पढ़ने से दिमाग की थोट्स टू एक्शन पावर यानी किसी काम को करने के लिए दिमाग में विचार की गतिविधियां सक्रिय होती हैं। इससे दिमाग किसी भी विषय को जल्दी याद कर पाता है।

बेस्ट फ्रेंड हैं किताबें

किताबें मनुष्य की बेस्ट फ्रेंड होती हैं। रिसर्च के मुताबिक अच्छी कहानियां पढ़ने से दिमाग के काम करने का तरीका भी बदला जा सकता है। अगर आप कुछ ज्यादा ही नकारात्मक सोचते हैं, तो अच्छी किताब पढ़कर आप इसे पॉजिटिव बना सकते हैं। रिसर्च में यूनिवर्सिटी ने 21 विद्यार्थियों को रॉबर्ट हारिश की किताब पॉम्पेई पढ़ने के लिए दी। 19 दिन की निगरानी में दिमाग का बायां हिस्सा काफी सक्रिय पाया गया।

तंत्रिका संबंधी बदलाव

इस रिसर्च में एफएमआरआई (फंक्शनल मैगनेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) जैसी वैज्ञानिक पद्धति का सहारा लिया। एमआरआई स्कैनर के जरिये पता चला कि नॉवेल पढ़ने से दिमाग के रेस्टिंग स्टेट में बदलाव होता है। यूरो साइंटिस्ट ग्रिगोरी बर्न्स का कहना है कि कहानियां हमारी जिंदगी को आकार देती हैं। एक जबरदस्त कहानी दिमाग में याददाश्त बढ़ाती है। कहानी पढ़ने से शरीर में तंत्रिका संबंधी बदलाव होते हैं। शरीर में उत्तेजना होती है और हम खुद-ब-खुद कहानी के किरदारों में खुद को महसूस करते हैं। किताब पढ़ते समय दिमाग आभासी दुनिया में पहुंच जाता है और उन्हीं गतिविधियों को सही मानता है।

बिबलियो थैरेपी भी

हमारे यहां बच्चों को पंचतंत्र की कहानियां इसलिए पढ़ाई जाती हैं, क्योंकि इससे उनमें संस्कार आते हैं और दिमाग विकसित होता है। नॉवेल पढ़ने से दिमाग में न्यूरोंस बढ़ते हैं, इससे याददाश्त बढ़ती है। तनाव में रहने वाले लोगों को बिबलियो थैरेपी यानी किताबें पढ़ने के लिए कहा जाता है, जिससे मन को संतुष्टि मिलती है और दिमाग तनाव मुक्त होता है। रात में किताब पढ़ने से नींद अच्छी आती है। इससे आपके सपनों पर भी प्रभाव पड़ता है। पढ़ते वक्त टीवी देखना या गाने सुनना सही नहीं है। इससे दिमाग एकाग्रचित नहीं हो पाता  है और किताब पढ़ने का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। किताबें हमारे दिमाग की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। इन्हें पढ़ने से दिमाग की अच्छी कसरत होती है।

 


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