सरकार को दो हफ्ते का वक्त
उच्च न्यायालय ने फूड सेफ्टी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा
शिमला – प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह दो सप्ताह के भीतर फूड सेफ्टी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन बाबत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। उच्च न्यायालय ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने न्यायालय को बताया था कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धारा 70 के मुताबिक फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों का निपटारा करने के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन करना अति आवश्यक है। ट्रिब्यूनल के लिए जिला न्यायाधीश के स्तर का अधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान बनाया गया है। न्यायालय को बताया गया था कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रदेश में केवल कंडाघाट में एक स्थायी व दो अन्य चलती-फिरती प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जो कि पर्याप्त नहीं हैं। न्यायालय ने राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए थे कि वह और अधिक नियमित प्रयोगशालाएं स्थापित करने पर विचार करे, क्योंकि उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं की संख्या तीन लाख के लगभग है। न्यायालय को यह बताया गया था कि प्रदेश फूड सेफ्टी अधिकारियों की संख्या कम है व कम पदों के चलते कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। मामले पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रमण्यिन व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष हुई।
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