सलाहकार बनने को अब दो सितंबर तक आवेदन

By: Aug 29th, 2019 12:01 am

शिमला – विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण संस्थानों को परामर्शदाता बनने के लिए फिर से मौका दिया है। इसके लिए राज्य के सरकारी व निजी कालेज दो सितंबर तक यूजीसी की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन सही पाए जाने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से कालेजों को परामर्शदाता का दर्जा दिया जाएगा। पहले परामर्शदाता बनने के लिए आवेदन की तिथि 26 अगस्त थी, लेकिन यूजीसी ने इसे बढ़ाकर दो सितंबर कर दिया है। बता दें कि अब नैक से ए-ग्रेड प्राप्त कालेज सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों के परामर्शदाता बनेंगे। जिन कालेजों ने नैक से ग्रेड नहीं लिया है, उन्हें परामर्श दर्जा प्राप्त कालेज जरूरी सलाह देंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इसके लिए नैक से मान्यता प्राप्त सभी राज्यों के कालेजों को दूसरे कालेजों का परामर्शदाता बनने का आह्वान किया है। वहीं, सरकार व शिक्षा विभाग को भी नैक से ए-ग्रेड प्राप्त करने वाले कालेजों को आइडेंटिफाई करने को कहा है। एक साल तक यूजीसी की यह परियोजना शिक्षण संस्थानों को ग्रेड दिलवाने के लिए सहायता करेगी, उसके बाद इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा। बता दें कि निजी कालेज भी दूसरे संस्थानों को नैक से बेहतर ग्रेड दिलाने के लिए परामर्शदाता बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि 2022 तक देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक से मान्यता दिलवानी है। ऐसे में जिन कालेजों को नैक से मान्यता लेने में मुश्किलें आ रही है, उन्हें परामर्श के माध्यम से मान्यता दिलवाई जाएगी। गौर हो कि प्रदेश के 129 कालेजों में से अभी तक 40 कालेज ही नैक से मान्यता प्राप्त है। ऐसे में यह तो साफ है कि हिमाचल में यही कालेज अब बाकी कालेजों के लिए परामर्श दाता बनेंगे। बता दें कि परामर्शदाता बनने के लिए भी यूजीसी ने कई शर्ते लागू की है। इसमें पहली शर्त यह है कि सबसे पहले परामर्शदाता संस्थान, परामर्श प्राप्तकर्ता संस्थान की विद्यमान स्थिति का अध्ययन करेगा और सुस्थापित मुख्य संकेतकों के अनुसार कार्यक्रम तैयार करने के लिए अधारभूत मूल्यांकन करेगा। यूजीसी ने परामर्शदाता बनने वाले संस्थानों को यह भी निर्देश दिए हैं कि परामर्शदाता संस्थानों में परामर्श प्राप्तकर्ता की बैठकें, तैयार की जा रही कार्यनीतियां, लक्ष्यों का निर्धारण और प्राप्त किए जा सकने योग्य लक्ष्यों का उल्लेख जैसे विभिन्न कार्यकलापों को भी शामिल करें।

आवेदन के लिए पात्रता

यूजीसी ने तय किया है कि परामर्शदाता सरकारी, सहायता प्राप्त, स्ववितपोषित संस्थान हो सकते है। परामर्शदाता वे होने चाहिएं, जिन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने ए ग्रेड के साथ प्रत्यायन प्रदान किया हो व जिन्हें नैक से 3.26 या इससे ज्यादा अंक मिले हों।


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