स्कूलों में 4 हजार शारीरिक शिक्षक कम

By: Aug 1st, 2019 12:01 am

वर्ष 2008 के बाद न के बराबर भर्ती हुए टीचर; मुख्यमंत्री का वादा भी अधूरा, बेरोजगारों में निराशा

हमीरपुर – एक तरफ सरकार नारा देती है कि खेलो इंडिया और दूसरी तरफ बच्चों को खेलने के लिए तैयार करने वाले शारीरिक शिक्षकों के पदों को नहीं भरती। अब ऐसे में सवाल उठता है कि स्कूलों में जिन बच्चों के शारीरिक विकास की बात स्कूलों में होने वाले बड़े-बड़े कार्यक्रमों में की जाती है, उसका क्या आधार है और क्या औचित्य है। जानकर हैरानी होगी कि पूरे प्रदेश भर के स्कूलों में इस वक्त शारीरिक शिक्षकों के चार हजार पद खाली चल रहे हैं। आंकड़े सच में चौंकाने वाले हैं, क्योंकि सवाल यह भी उठता है कि इन खाली हजारों शारीरिक शिक्षकों की कमी को कौन पूरा कर रहा होगा। सूत्रों की मानें, तो वर्ष 2008 के बाद शारीरिक शिक्षकों की भर्ती ही नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रदेश भर के स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के हजारों पद खाली होने से स्कूली बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास नहीं हो पा रहा हैं। सरकार ने सभी वर्गों के अध्यापकों के पदों की भर्ती बैचबाइज व कमीशन के माध्यम से ही की है, लेकिन एक वर्ग बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों का है, जिसको लेकर अभी तक कोई भर्ती नहीं पाई हैं। वर्ष 2008 से लेकर आज तक शारीरिक शिक्षकों की स्कूलों में छुट-पुट भर्ती हुई हैं, ऐसे में जो शारीरिक शिक्षक स्कूलों में तैनात थे, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद जो पद खाली होते गए, उन्हें भरने के बारे में किसी ने नहीं सोचा। इन बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों के बारे में न भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सोचा, न ही कांग्रेस सरकार ने। बताते हैं कि शारीरिक शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से भी मिल चुका है। उस वक्त मुख्यमंत्री ने स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के 2000 पदों को बैचबाइज भरने का आश्वासन देकर प्रक्रिया शुरू भी की थी। हैरानी की बात है कि प्रदेश में जयराम सरकार को बने डेढ़ वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन शारीरिक शिक्षकों के पदों को अभी तक नहीं भरा गया।

नौकरी की आस में दिया था समर्थन

बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि ठाकुर, प्रदेश महासचिव सतीश शर्मा, उपाध्यक्ष अरुण ठाकुर, सदस्य राकेश शर्मा, गोपाल ठाकुर, अतुल शर्मा, मनोहर लाल व सुरेश कुमार ने कहा कि विस और लोकसभा चुनावों में समर्थन भाजपा को इसलिए दिया था कि उन्हें नौकरी मिलेगी। वहीं बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की अब नौकरी की आयु सीमा भी पूरी हो रही है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। संघ के सदस्यों का कहना है कि बेरोजगार शारीरिक शिक्षक विधानसभा सत्र के दौरान भी अपना आंदोलन शुरू करेंगे और मुख्यमंत्री से मिल शारीरिक शिक्षकों के खाली पदों को बैचबाइज भरने की मांग की जाएगी।

 


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