हम बह जाएंगे…पर बच्चे को हर हाल में बचाएंगे

By: Aug 21st, 2019 12:19 am

मान खड्ड में फंसे गुरुओं के हौसले को सलाम; बोले, मन में सिर्फ यही था कि हमने तो उम्र बिता ली है

हमीरपुर -हमने तो आधी से ज्यादा जिंदगी बिता ली है। इस मासूम ने तो अपनी जवानी में कदम रखना है। दुख नहीं होगा, अगर हमें कुछ हो जाए, बस इसे जिंदा सुरक्षित पानी से बाहर निकालना है। ऐसे गुरुओं के हौसले को आज हर कोई खुलकर सलाम कर रहा हैं। आंखांे देखा हाल बताने वाले लोग इन शिक्षकों की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक छात्र की जान बचाने के लिए दो अध्यापक व एक पूर्व फौजी अपनी जान जोखिम में डालकर मान खड्ड की खौफनाक लहरों को मात देते रहे, लेकिन शिष्य का साथ नहीं छोड़ा। खड्ड की लहरों ने तीन बार गुरुओं के प्रयासों को धराशाही किया, लेकिन गुरुजनों ने अपने शिष्य को मौत के मुंह से बाहर निकालकर ही दम लिया। पूछने पर गुरुओं का एक ही जवाब था, हमने तो जिंदगी का आधे से ज्यादा सफर तय कर लिया है। इस बच्चे के लिए जान भी देनी पड़ती, तो दे देते। बता दें कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हड़ेटा के प्रधानाचार्य सुनील दत्त, डीपी पवन कुमार व एक पूर्व सैनिक सुरेश कुमार ने अपनी जान को जोखिम में डाल एक शिष्य को मानखड्ड में डूबने से बचा लिया। हुआ यूं कि मानखड्ड में पानी होने के चलते प्रधानाचार्य सुनील दत्त सुबह आठ बजे ही स्कूल पहुंच गए। डीपी पवन कुमार के साथ प्रधानाचार्य ने स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को खड्ड के दूसरी तरफ पहुंचाया। स्वयं एक किनारे से बच्चों को उठाकर गुरुजन दूसरी तरफ पहुंचा रहे थे। जैसे ही शिक्षक दूसरी तरफ से बच्चों का लाने के लिए चले तो मानखड्ड का बहाव तेज हो गया। पानी के तेज बहाव में एक छात्र अनुराग इनके साथ पानी में फंस गया। देखते ही देखते पानी की लहरे उनके कंधों तक आ पहुंची। फिर दोनों गुरुजनों ने तय किया कि हमारी जान जाए तो जाए पर बच्चे को कुछ नहीं होने देंगे। अभी ऐसा सोच ही रहे थे कि मानखड्ड की एक तेज लहर ने सभी को बहा दिया। तीनों ने छात्र को कस कर पकड़े रखा। अभी संभले ही थे कि लहर फिर तीनों को बहा ले गई। किसी तरह से तीनों ने छात्र को पानी में ही एक जगह खड़ा कर दिया। तीसरी बार बहे और एक झाड़ी में जाकर फंस गए। यहां से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।


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