18 दवाइयों के सैंपल फेल

By: Aug 8th, 2019 12:01 am

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में खुलासा, बद्दी का उद्योग भी कटघरे में

बीबीएन – केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 18 तरह की दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं। जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर फेल हुई हैं उनमें जोड़ो के दर्द, मिरगी के दौरे, एलर्जी, बैक्टीरिया के संक्रमण, आई ड्रॉप्स, गैस्ट्रिक, बुखार, दर्द निवारक दवाएं शामिल हैं। इस बार के ड्रग अलर्ट में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा प्रदेश के दवा उद्योगों पर बरती गई सख्ती और बढ़ाई गई निगरानी का भी असर नजर आया है। बताते चलें कि सीडीएससीओ ने जुलाई में देश के अलग-अलग राज्यों से 988 दवाओं के सैंपल जांच के लिए लिए, जिनमें से 970 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरी हैं, जबकि 18 दवाएं अधोमानक पाई गई हैं, जिनका निर्माण महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बंगलूर, पंजाब व हरियाणा में हुआ है। इस लिस्ट में प्रदेश के बद्दी स्थित एक दवा उद्योग में निर्मित दवा भी शामिल है। राज्य दवा नियंत्रक ने ड्रग अलर्ट में शामिल दवा उद्योगों को नोटिस जारी करते हुए संबंधित दवाओं का पूरा बैच बाजार से तत्काल उठाने के निर्देश जारी किए हैं।  दरअसल जुलाई माह के ड्रग अलर्ट में हिमाचल के मात्र एक उद्योग में निर्मित दवा ही गुणवत्ता मानकों की कसौटी पर खरा नहीं उतरी हैं। इसके अलावा एनएसक्यू सैल को भी उपरोक्त उद्योग की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने की हिदायतें जारी की हैं। दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ के मुंबई, जम्मू, कोलकाता, हरियाणा, बद्दी व ड्रग इंस्पेक्टर नाहन ने लिए थे, जिनकी चंडीगढ़, मुंबई, गुवाहाटी व कोलकाता की लैब में जांच करवाई गई। जांच के दौरान इन दवाओं के सबस्टैंडर्ड होने का खुलासा हुआ। राज्य नियंत्रक नवनीत मारवाहा ने बताया कि जिस दवा उद्योग की दवा सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं, उसे नोटिस थमाते हुए बाजार से संबंधित इंजेक्शन का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा राज्य दवा नियंत्रण प्राधिकरण दवा निर्माता कंपनियों पर पूरी निगरानी रख रहा है , ताकि गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण हो।


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