29 शिक्षकों पर शिक्षा विभाग मेहरबान
एक साल से निदेशालय में बाबूगिरी कर रहे गुरुजी
शिमला – राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार कैसे होगा, जब शिक्षक निदेशालय में बाबूगिरी करेंगे। एक साल से निदेशालय में इन शिक्षकों को बिठाया गया है, लेकिन हैरत है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के बाद भी छात्रों को पढ़ाने के लिए बाबू बने शिक्षक स्कूलों में नहीं जा रहे हैं। वर्तमान में 29 शिक्षक निदेशालय में लंबे समय से तैनात किए गए हैं। इसके चलते स्कूलों में अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है। जानकारी के अनुसार इस समय निदेशालय में 29 प्रवक्ता और प्रधानाचार्य निदेशालय में डेपूटेशन पर है। इनमें से 17 शिक्षक उच्च शिक्षा निदेशालय में हैं, इनमें 12 शिक्षक सरप्लस हैं, जो उच्च शिक्षा निदेशालय में वर्ष 2013 से डटे हुए हैं। इसके अलावा 12 शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में कार्यरत हैं। यहां ये शिक्षक उपनिदेशक, सहायक निदेशक के खाली पदों पर अस्थायी तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। बता दें कि ये प्रधानाचार्य और शिक्षक राजधानी के स्कूलों से हैं, इनमें से अधिकतर शिक्षक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पोर्टमोर, फागली स्कूल, खलीनी, सारी स्कूल, समरहिल, मझार, जाखू, कोटी स्कूल से हैं, जो यहां कार्यरत हैं।
स्कूलों में एक पद पर दो प्रधानाचार्य
इस दौरान प्रदेश के कई स्कूल ऐसे में है, जहां प्रधानाचार्य के एक पद पर दो को तैनाती दी गई है। जिला ऊना, मंडी, हमीरपुर सहित कई जिलों में एक पद पर दोे प्रधानाचार्य कार्यरत हैं। हिमाचल प्रदेश हैडमास्टर प्रधानाचार्य कैडर आफिसर एसोसिएशन के प्रधान विजय कुमार गौतम ने सरकार से आग्रह किया है कि स्कूलों में हैडमास्टर और प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरा जाए, ताकि यहां शैक्षिणक कार्य प्रभावित न हो।
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