ऊर्जा क्षेत्र में 25772 करोड़ का निवेश तय

By: Sep 26th, 2019 12:30 am

शिमला – सुसुप्त अवस्था में पड़े हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में नई जान आई है। देश की तीन बड़ी कंपनियों ने यहां 10 परियोजनाओं के साथ सरकार से एमओयू किया है। इनसे राज्य में 25772 करोड़ रुपए का तय निवेश आया है, जो यहां पर होना ही है। लंबे समय से तीन सार्वजनिक उपक्रमों को यहां पर बिजली परियोजनाएं अलॉट की गई थीं, मगर वह काम नहीं कर पाए, क्योंकि प्रोजेक्ट वायबल नहीं थे। इनका टैरिफ काफी ज्यादा पड़ रहा था, जिससे मुश्किलें थीं और केंद्र सरकार ने इस निवेश के लिए मंजूरी नहीं दी थी।  अब राज्य सरकार की रियायतों के बाद इन 10 परियोजनाओं को लगाने का रास्ता साफ हो गया है, जिन पर बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हुए। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के अलावा नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन व नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के साथ समझौते किए गए। एसजेवीएन को सरकार ने सात परियोजनाएं दी हैं, वहीं एनटीपीसी को दो व एनएचपीसी के साथ एक परियोजना पर एमओयू हुआ। इनसे राज्य में 13250 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

कैबिनेट में लाएंगे चिनाब के प्रोजेक्ट

सम्मेलन में प्रधान सचिव ऊर्जा प्रबोध सक्सेना ने बताया कि आने वाले दिनों में हिमाचल 645 मेगावाट बिजली की कैपेसिटी बढ़ाएगा, जो कि दो साल का लक्ष्य रखा गया है। पांच मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्टों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, वहीं रूफ टॉप प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति को भी ऑनलाइन किया जा रहा है। चिनाब रिवर में जो प्रोजेक्ट आबंटन के लिए बचे हैं, उन्हें कैबिनेट में ले जाया जाएगा, क्योंकि तीनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इनकी डिमांड कर रही हैं।

एसजेवीएन से ये करार

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के साथ सरकार ने 67 मेगावाट की धौलासिद्ध परियोजना के लिए एमओयू किया, जिसकी लागत 650 करोड़ होगी और इससे 800 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। दूसरी परियोजना लूहरी स्टेज वन है, जिसकी क्षमता 210 मेगावाट की है, वहीं 1745 करोड़ का निवेश व एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। तीसरी परियोजना सुन्नी डैम है, जिसकी क्षमता 382 मेगावाट होगी। 2555 करोड़ रुपए के निवेश के साथ इसमें 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। लूहरी चरण दो 172 मेगावाट की है, जिस पर 1730 करोड़ का निवेश व 1500 को रोजगार की संभावना है। इसी तरह से जांगी-थोपन परियोजना, जोकि 780 मेगावाट की होगी में  5650 करोड़ रुपए का निवेश होगा और चार हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। पुर्थी परियोजना 210 मेगावाट की होगी, जिसमें 2310 करोड़ का निवेश और 1055 लोगों को रोजगार दिया जाएगा तथा बरदंग परियोजना 138 मेगावाट क्षमता की होगी, जिसपर 10520 करोड़ रुपए का निवेश व 700 लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

एनएचपीसी से समझौते

एनएचपीसी के साथ सरकार ने 449 मेगावाट क्षमता की डूगर परियोजना के लिए समझौता किया है, जिस पर 4112 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इससे 2200 लोगों को रोजगार संभावित है।

एनटीपीसी से दो एमओयू

एनटीपीसी से सरकार ने दो एमओयू किए हैं। इसमें 400 मेगावाट क्षमता की सेली, जिस पर 4400 करोड़ का निवेश होगा, वहीं 1200 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही मियाड, जोकि 120 मेगावाट का है, में 1100 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है, जिससे 700 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

एक ही फर्म को दें प्रोजेक्ट

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के सीएमडी नंद लाल शर्मा ने यहां कहा कि सरकार इंटीग्रेटिड रिवर बेसिन फार्मूले के तहत एक ही जगह पर कई छोटे-छोटे प्रोजेक्टों को एक ही कंपनी को दे। उन्होंने सरकार से चिनाब बेसिन के दूसरे प्रोजेक्टों की भी डिमांड की। राज्य में 34 हजार मेगावाट सोलर पावर को चिन्हित किया गया है, जिसमें से एक हजार मेगावाट सोलर पावर स्पीति वैली में ही चिन्हित है। केंद्र सरकार ने एसजेवीएन को प्रदेश सरकार की मदद करते हुए इसके लिए मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर जल्दी काम होगा। निगम अभी तक राज्य सरकार को अपने दो प्रोजेक्टों से 1712 करोड़ की रॉयल्टी दे चुका है, वहीं 12934 मिलियन यूनिट मुफ्त बिजली यहां दी गई है। 

प्रदेश सरकार की मदद जरूरी

एनएचपीसी के सीएमडी बलराज जोशी ने अपनी उपलब्धियों को सामने रखते हुए कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट आबंटित होने के बाद तेजी के साथ बनना चाहिए, जिसमें प्रदेश सरकार की मदद जरूरी है। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी 2021 तक 800 मेगावाट प्रोजेक्ट को चला देगा। सरकार द्वारा कंपनियों को नई रियायतें देकर लाभान्वित किया गया है जो इस क्षेत्र को आगे बढ़ाएगा।

और प्रोजेक्ट लगाएंगे

एनटीपीसी के निदेशक कामर्शियल आनंद कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार उन्हें परियोजनाएं दे, तो वह यहां पर और प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं। पहले उनकी कंपनी थर्मल पावर में ही निवेश करती थी, लेकिन अब कंपनी ने हाइड्रो के क्षेत्र में भी निवेश करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वह एक फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं, जो कि कोलडेम के रिजर्वायर में ही लगेगा। इसके लिए जमीन की जरूरत नहीं है, जिस पर 60 करोड़ का निवेश होगा और 15 मेगावाट बिजली बनेगी।


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