एसिडिटी की दवाई से कैंसर

By: Sep 26th, 2019 12:30 am

रेनिटिडिन में केमिकल मिलने के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ने जारी की चेतावनी

बीबीएन- एसिडिटी के उपचार की दवा रेनिटिडिन को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई )ने गंभीर चेतावनी जारी की है, इस दवा में ऐसे रसायन पाए गए हैं, जिनसे कैंसर हो सकता है। डीसीजीआई ने सभी राज्य दवा नियंत्रकों को इस दवा के निर्माण पर निगरानी रखने के अलावा दवा निर्माताओं से पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। हिमाचल में भी हर दूसरी दवा कंपनी में इस दवा का निर्माण होता है, इसी कड़ी में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने भी दवा निर्माताओं को एडवाइजरी जारी कर दी है। बताते चलें कि रेनिटिडिन कम कीमत में मिलने वाली काफी पुरानी दवा है, इसके अलग-अलग नाम से कई ब्रांड्स बाजार में मौजूद हैं। रेनिटिडिन में नाइट्रोसेमीन नामक रसायन पाया गया है, जिसके मद्देनजर डीसीजीआई वी जी सोमानी ने सभी राज्यों को निर्देश जारी कर चेतावनी जारी की है और कहा कि वे मरीजों की सुरक्षा के लिए सभी ड्रग निर्माताओं से कदम उठाने को कहें। जानकारी के मुताबिक एसिडिटी (गैस-पेट की जलन) के लिए उपयोग में आने वाली दवा रेनिटिडिन को लेकर डीसीजीआई ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है, इसमें कहा गया है कि इस दवा में ऐसे रसायन हैं, जिनसे कैंसर हो सकता है। इस मसले के सामने आने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) जो भारत में दवाइयों की गुणवत्ता, सुरक्षा और क्षमता को नियंत्रित करता है, उसने इस दवा को विस्तृत जांच करने के लिए विशेषज्ञ समिति के पास भेज दिया है। अब यह समिति रेनिटिडिन के साथ-साथ अलग-अलग ब्रांड नेम से बिक रही इसी दवा की जांच करेगी।

नाइट्रोसेमीन रसायन

अमरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और यूरोपियन मेडिकल एजेंसी ने इस दवा को प्रतिबंधित तो नहीं किया है, लेकिन उसे इस बात का शक है कि रेनिटिडिन में नाइट्रोसेमीन नामक रसायन है, जिससे कैंसर हो सकता है। ये दोनों संस्थाएं इस दवा की जांच करा रही हैं। रेनिटिडिन बाजार में कई नाम से बिक रही है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर ड्रग कंट्रोलर जनरल ने लोगों को सजग रहने को कहा है। साथ ही इस दवा को लेकर अपने डाक्टर से सलाह लेने के कहा है। ड्रग कंट्रोलर के निर्देशों के तहत डाक्टरों को यह सलाह जारी की गई है कि वे इस दवाई को मरीजों को लेने की सलाह न दें।

टैबलेट और इंजेक्शन दोनों में आती है दवाई

रेनिटिडिन दवा का उपयोग देश में कई लक्षणों के इलाज में किया जाता है और यह अलग-अलग फोर्मूलेशन में टैबलेट और इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है, यह शेड्यूल एच के तहत प्रिस्क्राइब्ड ड्रग है, यानी इसे दवाई की दुकान से खरीदने के लिए डाक्टर की पर्ची की जरूरत होती है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर बद्दी मनीष ने बताया कि डीसीजीआई के आदेशों के तहत प्रदेश के सभी दवा निर्माताओं को मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर रेनिटिडिन के निर्माण में सावधानी बरतने व इसके इस्तेमाल में किए जाने वाले सभी रॉ मटीरियल की पूरी वैरिफेकशन करने के निर्देश दिए हैं।


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