कुल्लू में सीटू का हल्ला बोल

By: Sep 6th, 2019 12:22 am

श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर कुल्लू में हिमाचल किसान सभा के बैनर तले निकाली विरोध रैली

कुल्लू – देश भर में सीटू तथा हिमाचल किसान सभा के बैनर तले कुल्लू में संयुक्त रैली का आयोजन किया गया, जिसमें किसान सभा व सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर मजदूरों की मांगों को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन व रैलियों का आयोजन किया जा रहा है । लेबर कोड बिल 2019 और कार्यस्थल पर सुरक्षा स्वास्थ्य व काम की स्थिति सहित विधेयक 2019 और श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में सीटों और किसान सभा ने संयुक्त रूप से सीटू कार्यालय से लेकर जिलाधीश कार्यालय तक रैली निकाली तथा जिलाधीश कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर जिलाधीश के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भी दिया। सीटू के राज्य सहसचिव होतम सिंह सोंखला ने कहा कि केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार मजदूरों द्वारा हासिल किए गए श्रम कानूनों को बदलकर चार कोड में बदलना चाहती है, जिसका पूरे देश में बुजुर्ग विरोध कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर लेबर वेज कोड बिल में न्यूनतम मजदूरी 178 प्रस्तावित है, जबकि सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ कमेटी ने 375 वेतन धनराशि की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 18000 मासिक वेतन की मांग की है। इसके लिए बड़े-बड़े आंदोलन हुए हैं। मौजूदा कानून बन जाने से मजदूरों को काम करने के घंटे से लेकर यूनियन बनाने के अधिकारों को खत्म करने की बात कही है। इसके साथ उन्होंने कहा कि बोनस एक्ट खत्म किया गया। इन कानूनों के बन जाने से मजदूरों को उद्योगपतियों का गुलाम बन कर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निर्माण मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के लिए जो कानून भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार अधिनियम 1996 के दबाव के चलते तत्कालीन सरकार बनाना था, जिसके तहत उनकी सुविधाएं जैसे पेंशन, वजीफा, विवाह के लिए सहायता राशि आदि का प्रावधान है। इस कानून को भी मौजूदा केंद्र सरकार राज्य सरकारों से छीनकर अपने अधीन करना चाहती है। इसका पूरे प्रदेश में विरोध करती है। उन्होंने कहा कि अपने आकाओं के इशारे पर भाजपा सरकार बड़ी बेशर्मी से श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में बदलाव कर मजदूरों, कर्मचारियों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है।   उन्होंने मांग की कि मनरेगा मजदूरों को वर्ष में 200 दिहाड़ी दी जाए, श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ आवेदन के बाद 250 महीने के अंदर दिए जाएं, श्रमिकों को 3000 मासिक पेंशन दी जाए मजदूरों को मिलने वाले लाभ अधिकारी द्वारा उन्होंने कहा कि श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है।


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