कॉमिक में बताए कानूनी अधिकार

By: Sep 30th, 2019 12:20 am

विश्व के सबसे ऊंचे गांव में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने लगाया शिविर

केलांग-विश्व के सबसे ऊंचे गांव कॉमिक में एकदिवसीय विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रविवार को किया गया। इस मौके पर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक एवं कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति  हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय धर्म चंद चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से गरीब पिछड़े कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति महिलाएं, बच्चे, नाबालिग बच्चे या बूढ़े माता-पिता जिनका कोई अपना भरण-पोषण का सहारा नहीं होता है, उनको भरण पोषण का खर्च नहीं देते हैं।  ऐसे लोगों को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाने या जो अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग करने में असमर्थ होते हैं, ऐसे व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सहायता कानूनी सलाह और कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए इस तरह के शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है। निःशुल्क कानूनी सहायता के लिए पात्र व्यक्ति के लिए विधिक सेवा अधिनियम 1987 बना है, जिसके तहत अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्य हो। इसके अलावा निःशुल्क कानूनी सहायता के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सरकारी खर्च पर वकील उपलब्ध करवाया जाता है।  पात्र व्यक्ति को वकीलों के पैनल से वकील चुनने का अधिकार मिलता है। गवाहों को बुलाने का खर्च मुकदमों से संबंधित अन्य खर्च निःशुल्क कानूनी सेवा में किसी मुकदमे कानूनी सलाह प्राप्त करना आदि सुविधाएं मिलती हैं। इस दौरान कॉमिक, हिक्किम, डेमुल आदि के लोग मौजूद रहे। इस दौरान महामहिम साक्य ट्रिजिन्न  रिनपोचे का जन्म दिवस भी कॉमिक गोंपा में मनाया गया शिविर में 200 के करीब स्थानीय लोग मौजूद रहे।


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