घुटने का दर्द न करें नजरअंदाज

By: Sep 21st, 2019 12:02 am

जालंधर – केयरमैक्स हॉस्पिटल जालंधर के कंसल्टेंट आर्थोपैडिक व ट्रामा, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और आर्थोस्कॉपी सर्जन डा. स्वप्निल शर्मा घुटनों के दर्द  के इलाज के लोगों को टिप्स दिए हैं। उन्होंने बताया कि यदि आप थोड़ा सा चलने के बाद घुटनों में दर्द होता है या कुर्सी में बैठ कर भी असहज महसूस कर रहे हैं। सीढ़ी चढ़ने, पालथी मार कर बैठने में दिक्कत होती है, तो इस दर्द को समझने की कोशिश करें। किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें। अगर घुटनों में किसी प्रकार की चोट लगी है, तो भी सावधान रहें। जब ओस्टियोआर्थराइटिस घुटनों को प्रभावित करता है, तो पीठ दर्द अधिक तीव्र हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस भी सीधे रीढ़ को प्रभावित कर सकता है, जिससे मांसपेशियां, टेंडन या लिगामेंट्स स्ट्रेन हो जाते हैं, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है। कई लोग अधिक एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं। ऐसी स्थिति में वे दर्द में अपने घुटनों से और ज्यादा काम लेने लगते हैं। उन्हें लगता है कि शायद व्यायाम करने से यह दर्द कम हो जाएगा, लेकिन यह धारणा कोरी कल्पना भर है, साथ ही नुकसानदायक भी। अगर घुटनों में तकलीफ शुरू हो गई है, तो इसका मतलब है कि आपके घुटनों को इनमें उम्रदराज बदलाव शुरू हो गए हैं। चिकनाई की कमी होने से हड्डियों के बीच ब्रीदिंग स्पेस घट गया है। ऐसे में अगर आप इनसे ज्यादा मेहनत लेते हैं, तो हड्डी के ऊपर चढ़ा हुआ रखरनुमा कवरद्ध घिसने का डर रहता है। इस खतरे की घंटी को समझना जरूरी है। घुटने का गठिया तीन जोड़ों में से किसी एक में हो सकते हैं, जो घुटने के जोड़ को बनाते हैं। घुटने के भीतरी कंपार्टमेंट और घुटने के बाहरी  कंपार्टमेंट जांघ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से की आर्टिक्यूलेश और शिनबोन के उच्चतम भाग से बनते हैं। घुटने के तीसरे कंपार्टमेंट को पटेला और फीमर के अग्र भाग द्वारा बनाया गया है। अनकंपार्टमेंट घुटने के प्रतिस्थापन एक सर्जरी उपचार विकल्प है।

 


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