चार साल की होगी ग्रेजुएशन

By: Sep 5th, 2019 12:01 am

यूजीसी ने तैयार किया प्रोपोजल, सभी राज्यों से सुझाव के बाद लिया जाएगा अंतिम फैसला

शिमला   – कालेजों में छात्रों को ग्रेजुएशन करने के लिए चार साल पढ़ना होगा। पहले यूजी की डिग्री जहां तीन साल में हो जाती थी, वहीं अब इसके लिए चार साल तक छात्रों को पढ़ाई करनी होगी। बताया जा रहा है कि यूजीसी ने इस बाबत प्रोपोजल तैयार कर दिया है। सभी राज्यों के शिक्षाविदों से इस बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सुझाव लेने जा रहा है। बता दें कि यूजी के चार साल होने के बाद युवाओं को कई फायदे भी मिलेंगे। अगर यूजीसी का नया सिस्टम लागू हो जाता है, तो छात्रों की कालेज में चार साल की पढ़ाई पूरी होने के साथ सीधे पीएचडी में प्रवेश लेने का रास्ता खुल जाएगा। यूजीसी का तर्क है कि इससे उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आएगी। सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रमों में भी बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। यूजीसी जल्द ही ऐसी व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहा है, जिसमें ग्रेजुएशन की अवधि तीन साल की बजाय चार साल कर दी जाएगी और यह नियम चार साल का पाठ्यक्रम देश में संचालित सभी यूनिवर्सिटीज के लिए लागू होगा। फिलहाल वर्तमान में जिस व्यवस्था से कालेजों में काम चल रहा है, उसमें तीन साल का ग्रेजुएशन करने के बाद पीएचडी करने के लिए युवाओं को पहले मास्टर डिग्री यानी स्नातकोत्तर करनी होती है। अगर चार साल का नया पाठ्यक्रम लागू हो जाता है, तो छात्रों को पीएचडी के लिए पहले दो साल का एमए करने की जरूरत नहीं होगी। वे सीधे पीएचडी कर सकेंगे। जानकारी के अनुसार आयोग ने इस बारे में केवल प्रोपोजल ही तैयार किया है। इस पर अभी कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है। आयोग के अनुसार सभी राज्यों के शिक्षाविदों के सुझाव के बाद यूजीसी अगले साल ही कालेजों में चार साल की यूजी डिग्री शुरू कर देगा।

शिक्षकों के पद भी बढ़ेंगे

शिक्षा के नए प्रोपोजल को यदि यूजीसी फाइनल कर देता है, तो इससे कालेजों में पढ़ाई के तौर-तरीके भी बदल जाएंगे। वहीं, सभी सरकारी कालेजों में शिक्षकों के पदों को भी बढ़़ाया जाएगा। अहम यह है कि कालेजों में रूसा सिस्टम के बाद उच्च शिक्षा में यह बड़ा बदलाव होगा।

दूसरा बड़ा फैसला

कालेजों में रूसा के बाद यह दूसरा ऐसा फैसला होगा। इसमें यूजी डिग्री को चार साल किया जाएगा। हालांकि प्रदेश में अभी भी रूसा पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है। अगर अगले साल से यूजी की डिग्री चार साल की हो जाती है, तो एचपीयू पर अतिरिक्त परीक्षाओं का बोझ और बढ़ सकता है।


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