जांच नहीं होगी, तो घोटाले तो होंगे ही

By: Sep 7th, 2019 12:20 am

गगरेट – जिला ऊना में स्थापित कृषि सहकारी सभाओं में उजागर हो रहे घोटालों में प्रदेश सरकार की लापरवाही भी उजागर हो रही है। दरअसल स्टाफ की जबरदस्त कमी से जूझ रहे सहकारिता विभाग के पास इतना पर्याप्त स्टाफ भी नहीं कि सहकारिता विभाग का निरीक्षक हर महीने कृषि सहकारी सभाओं की नियमित जांच भी कर सके। जिला में सहकारिता विभाग में ही निरीक्षकों के बत्तीस पद रिक्त चले हुए हैं। ऐसे में सहकारी सभाओं की नियमित जांच न हो पाने के कारण भी कृषि सहकारी सभाओं में घोटालों का बोलबाला हुआ है। जिला में मौजूदा समय में तीस सौ अस्सी सहकारी सभाएं कार्यरत हैं और इनके निरीक्षण के लिए जनरल निरीक्षक के उन्नीस व आडिट निरीक्षक के 28 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मौजूदा समय में जिला में जनरल निरीक्षक के बारह पद रिक्त चल रहे हैं तो ऑडिट निरीक्षक के बीस पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं, हद तो यह है कि जिला की सहकारी सभाओं में करोड़ों रुपए के घोटाले उजागर होने के बाद भी प्रदेश सरकार यहां रिक्त चल रहे पदों को भरने का कोई प्रयास ही नहीं कर रही।  उधर, अतिरिक्त पंजीयक सहकारी सभाएं सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि जिले में सहकारिता निरीक्षक के बत्तीस पद रिक्त चल रहे हैं। विभाग के उच्च अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया है। उन्होंने माना कि निरीक्षकों के पद रिक्त होने के चलते सहकारी सभाओं की नियमित जांच करना कठिन है।


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