टैक्स रियायत से चहका बाजार

By: Sep 21st, 2019 12:11 am

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 1.45 लाख करोड़ की टैक्स छूट का ऐलान, कंपनियों की दिवाली

पणजी – केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए रोजगार सृजन एवं निजी निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से कारपोरेट टैक्स में कटौती करते हुए घरेलू कंपनियों को 1.45 लाख करोड़ रुपए की टैक्स छूट देने का ऐलान किया है। सरकार इस टैक्स छूट के लिए अध्यादेश लाई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को जीएसटी परिषद की बैठक से ठीक पहले संवाददाताओं से बातचीत में कंपनियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की। अर्थव्यवस्था को गति देने के क्रम में सरकार का यह अब तक का सबसे बड़ा ऐलान है। इससे सरकारी खजाने को 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। पिछले सप्ताह भी वित्त मंत्री ने निर्यात बढ़ाने और अटकी पड़ी आवास परियोजनाओं में फंसे खरीदारों को राहत देने का ऐलान किया था। इस निर्णय से भी सरकार को 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अब तक किए गए राहत उपायों से खजाने पर करीब दो लाख करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। वित्त मंत्री ने घरेलू कंपनियों और नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कंपनी करों में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए कंपनी कर की दर बिना रियायत के 22 प्रतिशत कर दी है। उपकर और प्रभार मिलाकर यह दर 25.17 प्रतिशत हो जाएगी, जो अभी 30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए आयकर कानून में एक नया प्रावधान किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में पहलीअक्तूबर के बाद से अस्तित्व में आने वाली और विनिर्माण में निवेश करने वाली घरेलू कंपनी को केवल 15 प्रतिशत की दर से कर देना होगा। इसका अर्थ यह हुआ कि इस वर्ष पहली अक्तूबर या उसके बाद देश में गठित किसी भी ऐसी कंपनी पर 15 प्रतिशत ही कर लगेगा। यदि यह कंपनी 31 मार्च, 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती है तो उसे 15 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा और सभी प्रकार के प्रभार और उपकर समेत यह 17.10 प्रतिशत होगा। इस तरह की कंपनियां न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) चुकाने से मुक्त होंगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जो कंपनियां कर में छूट का लाभ नहीं उठाना चाहती और पुरानी दरों से कर चुकाना चाहती हैं तथा कर में पहले दी गई छूट की अवधि समाप्त होने के बाद इस नई कर दर को अपनाना चाहती हैं, उन्हें 22 प्रतिशत की दर से कर देना होगा। नई कर दर अपनाने के बाद उन्हें पुरानी दर अपनाने की छूट नहीं मिलेगी। छूट और इसेंटिव ले रही कंपनियों को राहत देने के लिए मैट को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कंपनियों के लिए एक और बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि पांच जुलाई 2019 से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा करने वाली कंपनियों पर ‘सुपर रिच’ कर नहीं लगेगा। पूंजी बाजार में प्रवाह बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के आम बजट में बढ़ाया गया प्रभार कंपनी में शेयरों की बिक्री और इक्विटी फंड यूनिट बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन पर नहीं लगेगा। इस छूट में एफपीआई और डेरेवेटिव भी शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने सीएसआर के तहत कंपनियों के दो फीसदी व्यय करने के दायरे का भी विस्तार करने का निर्णय लिया है।

सरकार के कंपनियों को तीन बड़े तोहफे

  1. कारपोरेट टैक्स अब कुल मिलाकर 25.17 फीसदी लगेगा, जबकि इसकी मौजूदा दर 30 प्रतिशत और सेस-सरचार्ज मिलाकर 34.94 प्रतिशत टैक्स दर बनती थी, यानी नई दरों के मुताबिक कंपनियों की टैक्स देनदारी करीब 10 प्रतिशत घट जाएगी।
  2. पहली अक्तूबर के बाद लगने वाली घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए अब प्रभावी टैक्स दर सरचार्ज और सेस को मिलाकर 17.01 फीसदी होगी। पहले यह दर 29.12 फीसदी थी। यानी नई कंपनियों की टैक्स देनदारी 12 फीसदी कम हो जाएगी।
  3. शेयरों की बिक्री से कैपिटल गेन पर सरचार्ज बढ़ोतरी लागू नहीं होगी। जिन कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा की थी, उन पर भी टैक्स नहीं लगेगा। बजट में इसका ऐलान किया गया था और अब यह फैसला लागू हुआ है।

कब से प्रभावी

केंद्र सरकार का यह फैसला पहली अप्रैल 2019 से लागू होगा, इसके लिए सरकार अध्यादेश लाई है

तत्काल प्रतिक्रिया

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार ने सरकार की रियायतों पर कहा कि अब जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है

शेयर बाजार में दस साल का सबसे बड़ा उछाल

निवेशकों ने कमाए 6.83 लाख करोड़

मुंबई – मंद पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से कारपोरेट टैक्स में सरकार द्वारा की गई भारी भरकम कटौती के बल पर शेयर बाजार में एक दशक में सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त दर्ज की गई, जिससे दिवाली से पहले ही बाजार रोशन हो गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1921.15 अंक उछलकर करीब एक दशक की सबसे बड़ी एक दिनी बढ़त लेकर 38 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 38014.46 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 569.40 अंक उछलकर 11274.20 अंक पर पहुंच गया। इस तेजी से निवेशकों को 6.83 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ।


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