निजी सुरक्षा कंपनी पर घोटाले के आरोप

By: Sep 19th, 2019 12:20 am

शिमला –सीटू जिला कमेटी शिमला ने आईजीएमसी प्रबंधन के खिलाफ भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। सीटू ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन अनियमितताओं की जांच की जाए व दोषियों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। सीटू ने चेताया है कि अगर भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई न हुई तो सीटू सड़कों पर उतरकर इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेगा। सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा व महासचिव अजय दुल्टा ने कहा है कि आईजीएमसी भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। उन्होंने इस भ्रष्टाचार में सीधे जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में जिस निजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को सिक्योरिटी का ठेका दिया गया है, उसका आवंटन नियमों के विपरीत हुआ है। योग्यता में ऊपर कई कंपनियों को बाहर करके चिकित्सा अधीक्षक की मिलीभगत से इस कार्य को अनुभव व गुणवत्ता में सबसे नीचे कंपनी को दिया गया। भ्रष्टाचार की शुरुआत यहीं से हुई व जो लगातार बढ़ती गई। इस कंपनी को जो कॉन्ट्रेक्ट दिया गया, उसकी सेवा शर्तों के अनुसार कुल 187 सुरक्षा कर्मचारियों का ठेका इस कंपनी को दिया गया। सीटू ने आरोप लगाया कि इस कंपनी ने केवल 137 लोग कार्य पर नियुक्त किए। इस कंपनी के प्रबंधन ने चिकित्सा अधीक्षक के साथ मिलकर 50 कम लोग इस कार्य पर लगाए व आईजीएमसी के इतिहास में सबसे बड़े घोटाले को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि इस ठेके में 50 लोगों की कम भर्ती करके कंपनी प्रबंधन हर साल 48 लाख रुपए का घोटाला कर रहा है। यह पैसा निजी सिक्योरिटी कंपनी प्रदेश सरकार व आईजीएमसी प्रबंधन से ले रही है, परंतु 50 सुरक्षा कर्मियों की भर्ती न होने से यह पैसा निजी सिक्योरिटी कंपनी की जेब में जा रहा है। इस कंपनी ने पिछले एक वर्ष में मजदूरों के ईएसआई मेडिकल फंड का 12 लाख 11 हजार 760 रुपए सिक्योरिटी कर्मियों के खाते में नहीं डाला है। इसी तरह 21 लाख 54 हज़ार 240 रुपए की मजदूरों की एक वर्ष की ईपीएफ राशि कंपनी प्रबंधन ने जमा नहीं करवाई है। मजदूरों की छुट्टियों का लगभग 14 लाख 96 हज़ार रुपए कंपनी प्रबंधन खा गया है। इस तरह कुल मिलाकर 96 लाख 62 हजार रुपए के महाघोटाले को निजी कंपनी ने अंजाम दिया है, जिसे चिकित्सा अधीक्षक का खुला समर्थन रहा है। इस तरह आईजीएमसी भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है। इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार के साथ आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक की भूमिका की जांच आवश्यक है।

 


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