पर्यटन से जुड़ेंगी आयुर्वेद की आठ विधियां

By: Sep 19th, 2019 12:30 am

शिमला  – हिमाचल में पर्यटन को आयुर्वेद से जोड़ा जाएगा, जिसमें मुख्यत आठ प्रक्रियाआें को शामिल किया जा रहा है। इसमें मुख्यतः सभी जिलों में पंचकर्म सेंटर अस्पतालों में शुरू किए जाएंगे, जिसमें प्रदेश के मरीजों को ही नहीं, बल्कि प्रदेश घूमने आए पर्यटकों को भी इलाज की आठ प्रुमुख विधियां शुरू की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद विभाग इस बाबत एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम किया जाएगा। जिन आठ विधियों को आयुर्वेद और पर्यटन को आपस में जोड़ा जा रहा है, उसमें मर्म चिकित्सा, अनु शास्त्रा कर्मा, सिराविदेश, अग्निकर्मा, जालूका अविचरण, अलाबू कर्मा, मृतिका चिकित्सा और शतकर्मा विधि के तहत सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों को इलाज दिया जाना तय किया गया है, जिसमें पंचकर्म सेंटर में ही ये आठ सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि अभी आयुर्वेद विशेषज्ञों की यह ट्रेनिंग शिमला में हुई है, लेकिन इस योजना में सबसे पहले सभी अस्पतालों में पंचकर्म शुरू होने वाला है, जिस पर पर्यटन विभाग भी काम करने वाला है। देखा जाए, तो अभी प्रदेश के मात्र चुनिंदा अस्पतालों में ही पंचकर्म किया जा रहा है। योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाने के लिए दोनों विभागों की आपस में बैठक भी होने वाली है। सूचना है कि सबसे पहले शिमला में इस विधि को शुरू किया जाना है। इसमें सबसे पहले लगभग शिमला के दस अस्पतालों में यह लाभ पर्यटकों और मरीजों को मिलने वाला है। इसके बाद अन्य पांच जिलों में इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। बाद में अन्य जिलों को शामिल किया जाने वाला है। आयुर्वेद विभाग के तहत आने वाली ये आठ तकनीक इलाज में काफी पुरानी हैं और जनता के लिए काफी लाभप्रद भी सिद्ध हो सकती है। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद विभाग के तहत प्रदेश के डाक्टरों को इन विधियों को सिखाने की तकनीक भी बताई गई है, जिसके लिए केंद्र से नामी विशेषज्ञों को बुलाया गया था। केरल से भी प्रदेश में चिकित्सक आए थे।


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