प्र्रशासन के फरमान, बेवजह लगाई शिक्षकों की दौड़
हमीरपुर -निर्वाचन सत्यापन कार्यक्रम के लिए रविवार को स्कूलों में पहुंचे अध्यापक बिना जानकारी प्राप्त किए बैरंग लौटे हैं। निर्वाचन सत्यापन संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए तैनात बीएलओ को पता ही नहीं कि आखिर अध्यापक स्कूल क्यों पहुंचे हैं। हमीरपुर जिला में अधिकतर केंद्रों पर यह अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां पहुंचे अध्यापक अधिकारियों की बात सुनकर दंग रह गए। इसके बाद सिर्फ एक-दूसरे के मुंह को ताकने के सिवाए कोई काम नहीं था। प्रशासन के निर्देशों से खफा अध्यापक बैरंग वापस लौट आए और प्रशासन को कोसते रहे। उनका कहना है कि बीएलओ को बिना जानकारी के ही अध्यापकों को स्कूल बुला लिया गया। इससे समय के साथ ही इन्हें आर्थिक हानि भी उठानी पड़ी है। वहीं, शिक्षा विभाग के आलाधिकारी भी इस पर कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे पा रहे। सभी का यही कहना है कि उपायुक्त के निर्देशों पर अध्यापकों को बुलाया गया था। सबसे बड़ी बात कि इस प्रकार के आदेश सिर्फ जिला हमीरपुर में ही लागू किए गए हैं। प्रदेश के किसी भी जिला में स्कूलों में समस्त स्टाफ को नहीं बुलाया गया है। प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के राज्य महासचिव संजीव ठाकुर, जिला हमीरपुर प्रधान तेज सिंह, मुख्य सलाहकार डाक्टर प्रकाश चंद, महासचिव गौतम सिंह, हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव ठाकुर, हिमाचल पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष केवल ठाकुर, महासचिव रविदास व वरिष्ठ उपप्रधान संदीप डढवाल ने इस तरह के तुगलकी फरमानों को कर्मचारियों का उत्पीड़न करार दिया।
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