प्लास्टिक प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती

By: Sep 10th, 2019 12:01 am

शिमला – प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। प्लास्टिक सामग्री को निपटाना कठिन कार्य है और पृथ्वी पर प्रदूषण को बढ़ाने में बड़ा योगदान देता है। यह बड़ी चिंता का कारण बन गया है। यह समय है कि हमें इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे मिटाने की दिशा में काम करना चाहिए। यह बात सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने भारत ने  न्यायालयों की प्रदूषण रोकने में संवैधानिक भूमिका विषय पर बोलते हुए अपने संबोधन में  कही। बार एसोसिएशन ऑफ  इंडिया द्वारा प्रदेश हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता स्वर्गीय लाला अमर चंद सूद की याद में हाई कोर्ट सभागार में स्वर्गीय लाला अमर चंद सूद मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। इस  विख्यात विषय पर न्यायमूर्ति ललित ने आगे कहा कि न्यायिक व्याख्याओं के अनुसार स्वास्थ्य का अधिकार वातावरण का उत्पाद है। इसी कारण संविधान में पर्यावरण की रक्षा और सुधार हेतु राज्य और नागरिकों पर एक शुल्क लगाया था। उनके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने भी इस महान व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार भी साझा किए हैं। प्रदेश हाई कोर्ट के कुछ निर्णयों का भी हवाला दिया, जिसमें किंकरी देवी समाज सेविका द्वारा पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हाई कोर्ट के समक्ष दायर की गई याचिका व हाई कोर्ट द्वारा खनन को रोकने के लिए पारित निर्णय का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया। स्वागत भाषण वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल देव सूद द्वारा दिया गया, जो कि स्वर्गीय लाला अमर चंद सूद के सपुत्र है।  प्रदेश महाधिवक्ता अशोक शर्मा व बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने भी इस अवसर पर संबोधित किया। अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ  हिमाचल रमाकांत शर्मा ने भी इस अवसर पर संबोधित करते हुए लाला जी को याद किया।


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